बड़ी ख़बर: मुख्यमंत्री के आगमन की गाज गिरी PRD जवानों पर
मुख्य विकास अधिकारी को पत्र भेजकर लगायी न्याय की गुहार

विकासखंड हल्द्वानी के क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के तुगलकी फरमान से बेरोजगार हुए आधा दर्जन पीआरडी जवान
हल्द्वानी: प्रदेश के मुखियापुष्कर सिंह धामी के विगत दिनों हल्द्वानी आगमन को लेकर अधिशाषी अभियंता परीक्षण एवं परिचालन कार्यालय में तैनात आधा दर्जन पीआरडी जवानों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा ड्यूटी हेतु रिलीव न किये जाने से नाराज क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी राजदीप पंत ने आधा दर्जन जवानों को अधिशाषी अभियंता परीक्षण एवं परिचालन कार्यालय से अवमुक्त करने के आदेशों के बाद बेरोजगार हुए जवानों ने मुख्यविकास अधिकारी को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
सीडीओ नैनीताल को भेजे गए पत्र में पीआरडी जवानों ने हवाला दिया है कि मुख्यमंत्री के 10 नवम्बर को हल्द्वानी दौरे के मध्येनजर युवा कल्याण विभाग द्वारा हाइडिल में तैनात 6 जवानों से 3 जवानों को मुख्यमंत्री की सुरक्षा हेतु भेजे जाने हेतु पत्राचार किया था जिसके जबाब में हाइडिल विभाग ने मुख्यमंत्री के आगमन पर निर्बाध बिधुत व्यवस्था बनाये रखने हेतु बिधुत उपकेंद्रों की सुरक्षा का हवाला देते हुए जवानों को भेजने पर असमर्थता जताते हुए पीआरडी जवानों को विधुत उपकेंद्रों में तैनात कर दिया था।
जवानों को रिलीव न किये जाने से नाराज क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी राजदीप पंत ने अधिशासी अभियंता कार्यालय को पत्राचार कर अतिआवश्यक / आकस्मिक ड्यूटी में जवानों को न भेजे जाने का हवाला देते हुए उक्त छह जवानों को वापस मांग लिया गया जिसके बाद से वह बेरोजगार हो गए हैं और उनके परिवार पर रोजीरोटी का संकट गहरा गया है।
बेरोजगार जवानों ने क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी पर पूर्व में भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए पूर्व में जिलाधिकारी नैनीताल को की गई। शिकायत का भी हवाला देते हुए कहा गया है कि जिलाधिकारी द्वारा कराई गयी जांच के उपरांत उक्त क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी का पिथौरागढ़ स्थानांतरण कर दिया गया था किंतु ये न्यायालय से स्टे लेकर वर्तमान में हल्द्वानी में ही तैनात है। बेरोजगार हुए जवानों ने मुख्य विकास अधिकारी से उन्हें न्याय दिलाकर पुनः ड्यूटी दिए जाने की गुहार लगायी है।ज्ञापन में जवान गिरीश चन्द्र महेन्द्र सिंह नंद किशोर महेन्द्र कुमार नरेश लाल कमल कुमार के हस्ताक्षर हैं।