उत्तराखंड

जब सवेरा होता है तब दिखती है बर्बादी —वन विभाग बेखबर!

जब सवेरा होता है तब दिखती है बर्बादी —वन विभाग बेखबर!

हल्दूचौड़ क्षेत्र के गांवों में हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान ,
वन विभाग से लगाई गुहार,
बजट का अभाव बताकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं वन महकमे के जिम्मेदार अधिकारी।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता। हल्दूचौड़

विधानसभा लालकुआं के ग्रामसभा गंगापुर कबड़वाल के भानदेव नवाड ,कृष्णा नवाड,गंगापुर आदि गांवों में आजकल जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया है, ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।

प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि जंगली हाथीयो द्वारा फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, वह आए दिन हाथियों के आतंक से परेशान हैं और रातों में जाग कर फसलों की सुरक्षा कर रहे हैं , वन विभाग पर उक्त संवेदनशील मामले में हीलाहवाली बरतने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों का कहना है कि उनकी फसलों की सुरक्षा को लेकर लगाई गई सोलर फेंसिंग वर्तमान में वन निगम के द्वारा लकड़ी परिवहन करने वाले वाहनों द्वारा बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी गई है जिसके चलते शाम ढलते ही हाथियों का झुंड उनके खेतों में घुसकर उनकी फसलों को रौंद रहा है।

गौरतलब है कि तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल से लगे इन गांवों में कई दशकों से हाथियों का आतंक व्याप्त है ,किंतु सोलर फेंसिंग के सुचारू रूप से कार्य किए जाने के चलते पिछले एक दो साल से हाथियों के आवाजाही में कुछ कमी देखी गई थी किंतु वर्तमान में वन निगम द्वारा लकड़ी परिवहन में लगाए गए वाहनों की आवाजाही के चलते सोलर फेंसिंग क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद हाथियों ने जबरदस्त उत्पात मचाया हुआ है। वन विभाग से बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी वन विभाग के कर्मचारी न ही गश्त करते हैं और न ही फसलों के नुकसान का सही आकलन करते हैं । ग्रामीणों ने कहा कि वन विभाग द्वारा फसलों का मुआवजा भी काफी समय से नहीं दिया गया है , जिससे ग्रामीणों में काफी रोष है ।

इधर इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी तराई केंद्रीय वन प्रभाग यू सी तिवारी का कहना है कि हाथियों की रिहायशी इलाकों में घुसपैठ रोकने के लिए वर्तमान में विभाग के पास कोई बजट नहीं है निगम के वाहनों द्वारा क्षतिग्रस्त सोलर फेंसिंग को दुरस्त कराने के लिए वह जल्द वन निगम के संबंधित लैंगिक प्रबंधक से वार्ता करेंगे।

फोटो। हाथियों द्वारा रौंदी गई गन्ने की फसल।

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