भाजपा में गुटबाज़ी तेज विधानसभा चुनाव 2027 से पहले बाहरी नेताओं की सक्रियता से सुलगने लगी बगावत

रिपोर्ट गौरव गुप्ता।
भाजपा में गुटबाज़ी तेज विधानसभा चुनाव 2027 से पहले बाहरी नेताओं की सक्रियता से सुलगने लगी बगावत।
लालकुआं। विधानसभा चुनाव 2027 की आहट ने भाजपा में सियासी हलचल बढ़ा दी है। टिकट की लड़ाई शुरू होने से पहले ही बाहरी नेताओं की सक्रियता ने संगठन में खेमेबाज़ी और असंतोष को हवा दे दी है।
पार्टी के भीतर फिलहाल दो खेमे बन गए हैं। पहला खेमा उन स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का है, जो वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय रहकर संगठन को मजबूत करने का दावा करते हैं। इनका आरोप है कि उनकी मेहनत को दरकिनार कर बाहरी चेहरों को तरजीह दी जा रही है। दूसरा खेमा बाहरी नेताओं का है, जो लगातार क्षेत्रीय दौरों, जनसंपर्क और बैठकों से अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं।
गली–मोहल्लों, चौपालों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर टिकट वितरण में बाहरी नेताओं को प्राथमिकता दी गई, तो वे “चुप नहीं बैठेंगे”। कई कार्यकर्ता अंदरखाने संकेत दे रहे हैं कि वे बाग़ी उम्मीदवार उतारने या खुले तौर पर विरोध की रणनीति अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा में यह खींचतान चुनावी नतीजों को सीधे प्रभावित कर सकती है। यदि गुटबाज़ी पर समय रहते लगाम नहीं लगी, तो पार्टी को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर, विधानसभा चुनाव 2027 से पहले भाजपा में गुटबाज़ी और बगावत की आहट ने संगठन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।