
A concrete and effective action plan will be made to reduce the threat of AMR in Uttarakhand, brainstorming will be done on 4 important points.
देहरादून, 15 अक्टूबर 2024
“एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के नियंत्रण पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन 15 औऱ 16 अक्टूबर को
उत्तराखंड में AMR के खतरे को कम करने के लिए बनेगी ठोस और प्रभावी कार्य योजना, 4 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर होगा मंथन
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जनता को मिले बेहतर स्वास्थ्य यही है जागरूकता कार्यशाला का उद्देश्य
उत्तराखंड राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण मंत्रालय (MoHFW), भारत सरकार के सहयोग से, USAID RISE के समर्थन से 15-16 अक्टूबर 2024 को
“एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के नियंत्रण के लिए उत्तराखंड राज्य कार्य योजना के विकास” पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य AMR के गंभीर मुद्दे को संबोधित करते हुए एक व्यापक राज्य कार्य योजना का विकास करना था। कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न संबंधित क्षेत्रों और विभागों के हितधारकों को एक साथ लाकर, AMR की रोकथाम की दिशा में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर की गई पहलों के बारे में उन्हें जागरूक करना, AMR के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने के लिए एक समग्र और प्रभावी रणनीति विकसित करना है।
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इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञ, फार्मासिस्ट, पशु चिकित्सक, और अन्य संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ भाग लेंगे। कार्यशाला के दौरान, AMR के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी, जिसमें इसके कारण, प्रभाव, और नियंत्रण के उपाय शामिल हैं।
कार्यशाला के मुख्य बिंदु निम्नलिखित होंगे:
1. AMR की वर्तमान स्थितिः उत्तराखंड में AMR की वर्तमान स्थिति और इसके प्रभावों पर चर्चा।
2. नीति और रणनीति: AMR नियंत्रण के लिए प्रभावी नीतियों और रणनीतियों का विकास।
3. सार्वजनिक जागरूकताः जनता में AMR के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उपाय।
4. स्वास्थ्य सेवा में सुधारः अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में एंटीबायोटिक उपयोग की निगरानी और नियंत्रण।
इस कार्यशाला का उद्देश्य उत्तराखंड में AMR के खतरे को कम करने के लिए एक ठोस और प्रभावी कार्य योजना तैयार करना है, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सके और जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।
हम सभी संबंधित पक्षों से इस कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की अपील करते हैं ताकि हम मिलकर AMR के खतरे का सामना कर सकें और एक स्वस्थ उत्तराखंड का निर्माण कर सकें।
इस कार्यशाला में उत्तराखंड, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. तारा आर्य, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की अतिरिक्त निदेशक डॉ. लता कपूर, USAID RISE-Jhpiego के प्रमुख डॉ. विनीत कुमार श्रीवास्तव, USAID इंडिया के वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार विजय पॉलराज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी, पशुपालन, डेयरी, खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, राज्य चिकित्सा कॉलेजों के विभाग प्रमुख और प्रोफेसर, कृषि और किसान कल्याण विभाग, FRI, ICAR और USAID RISE-Jhpiego के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।