उत्तराखंड

ब्रेकिंग : कोऑपरेटिव बैंकों को प्रॉफिट में लाने कर बाद अब घाटे में समितियां को उबारने के लिए मंत्री का यह है माइक्रो प्रॉफिट प्लान

सहकारिता विभाग के अधिकारी अब जिलों में योजनाओं का करेंगे मॉनिटरिंग मंत्री लेंगे अधिकारियों से फीडबैक

Breaking: After bringing cooperative banks into profit, now this is the micro profit plan of the minister to rescue the loss making societies.

देहरादून। सभी जानते हैं कि 2017 से पहले उत्तराखंड के सभी कोऑपरेटिव बैंक 50 करोड़ से अधिक के घाटे में थे लेकिन आज आलम यह है कि सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत के फार्मूले के चलते आज 180 करोड़ के फायदे में चले गए हैं कोऑपरेटिव बैंकों के फायदे में पहुंचने के बाद अब कुछ सहकारी समितियां जो घाटे में चल रही है उसको लेकर डॉक्टर धन सिंह रावत एक माइक्रो प्रॉफिट प्लान बनाने जा रहे हैं इस प्लान को लेकर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी जनपदों में ऐसी समितियां का अवलोकन किया जाए और 1 वर्ष के अंदर इन सभी को प्रॉफिट में लाया जाए

समितियां को घाटे से उबारने के लिए अधिकारी बनाए माइक्रो प्रॉफिट प्लान
सहकारिता विभाग के अधिकारी अब जिलों में योजनाओं का करेंगे मॉनिटरिंग मंत्री लेंगे अधिकारियों से फीडबैक
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सहकारिता मंत्री डॉ रावत आज रविवार को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना सभागार में सहकारिता विभाग के राज्य और जिला स्तरीय की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय सहकारिता अधिकारी प्रत्येक जनपद में सहकारिता की योजनाओं की समीक्षा करेंगे और उन्हें रिपोर्ट देंगे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री द्वारा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति समितियां में नए सदस्यों का पंजीकरण साथ ही वन टाइम सेटलमेंट योजना, माधो सिंह भंडारी सामूहिक सहकारिता खेती , जन औषधि केंद्र और पिछले 6 महीने की सभी बैंकों के लाभ की प्रगति रिपोर्ट जनपदवार जानी। वन टाइम सेटलमेंट योजना में नैनीताल जनपद और सबसे अधिक सदस्य बनने में पौड़ी जनपद की सहकारिता मंत्री ने प्रशंसा की

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निबंधक सहकारी समितियां आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि अभी तक सहकारी समितियां में 2 लाख नए सदस्यों के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए करीब 82 हज़ार सदस्य बनाए जा चुके हैं इसके साथ ही वन टाइम सेटलमेंट योजना का अच्छा रिस्पांस मिलने के कारण इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने बताया कि, इन दिनों धान , मंडवा, खरीद हो रही है किसानों के आग्रह करने पर इस योजना को नवंबर तक बढ़ा दिया गया है इसके साथी इसलिए वित्तीय वर्ष में प्रदेश के जिला सहकारी बैंक 180 करोड़ के मुनाफे में थे इस वर्ष यह है प्रॉफिट 200 करोड़ के पार की उम्मीद है।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए की प्रदेश की जितनी भी समितियां घाटे में चल रही हैं इसको लेकर एक माइक्रो प्रॉफिट प्लान बनाया जाए जिससे एक वर्ष में यह सभी समितियां फायदे में आ जाए प्रत्येक महीने सभी शीर्ष अधिकारी जनपदों में जाकर इसकी समीक्षा करें। इसके साथ ही दीनदयाल उपाध्याय ऋण वितरण योजना के 5 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं 5 वर्ष पूरे होने पर इस योजना के स्वरूप को लेकर चर्चा की जानी है कैसे यह योजना किसानों के लिए अधिक लाभकारी हो इस योजना में ऋण वितरण की प्रणाली में ऋण वितरण कमेटी के माध्यम से किया जाए जिसमें क्षेत्र के दो बुद्धिजीवी और एक ब्लॉक या जिले का प्रतिनिधि होगा जिले का सीडीओ भी इस ऋण वितरण के आवेदन की समीक्षा करेंगे इस प्रक्रिया से ऋण वितरण में पारदर्शिता आएगी,

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बैठक में निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय, जिला सहकारी बैंक , अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, उपनिबंधक और यू सी एफ की प्रबंध निदेशक रामिन्द्री मंद्रवाल, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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