देहरादून: उत्तराखंड में बारिश के कहर का दौर तकरीबन खत्म माना जा रहा है और आज बुधवार से मौसम बेहतर होने की बात कही जा रही है, लेकिन मुसीबत टलते टलते ही टलती है। रामनगर के ग्रामीण इलाकों में उतरते हुए पानी ने कहर ढा दिया है तो लोग जंगलों में भाग गए हैं।
वहीं, नैनीताल में हालात को संभालने के लिए आर्मी तैनात कर दी गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ, बड़ी चिंता की खबर अल्मोड़ा से है, जहां एक बार फिर आज सुबह झमाझम बारिश शुरू हो गई है। यहां जनजीवन पूरी तरह से ठप बताया जा रहा है।
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नैनीताल : लगाई गई आर्मी: कैंची गरमपानी इलाकों में डोगरा रेजिमेंट रेस्क्यू में जुटी है। सुकुना रामगढ़ का रेस्क्यू एनडीआरएफ ने संभाला है। अब तक कोई भी रेस्क्यू टीम सुकुना नहीं पहुंच सकी है, जहां हालात काफी गंभीर बताए जा रहे हैं। ओखलकांडा में भी सेना की तैनात की गई है और बताया जा रहा है कि रामगढ़ सुकुना में मकानों के मलबे में 9 लोग दबे हुए हैं।
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अल्मोड़ा : फिर शुरू हुई तेज़ बारिश: उत्तराखंड के पहाड़ों में बसे इस ज़िले में जीवन तकरीबन ठप हो चुका है। दर्जनों सड़कें ज़िले भर में बंद हैं, तो कई इलाकों में तीन दिनों से बिजली आपूर्ति नहीं है. प्रशासन के सामने सड़क को और बिजली सुचारू करने की चुनोती बनी हुई है, तो अलग अलग स्थानों पर पर्यटक भी खासी संख्या में फंस गए हैं। इन हालात में फिर शुरू हो गई बारिश से और मुसीबतों की आशंका पैदा हो रही है।
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रामनगर : नदी में समाए मकान: राज्य में बारिश के कहर से जुड़े जो अपडेट्स आ रहे हैं, उनके मुताबिक रामनगर के चुकुम गांव में भारी नुकसान हुआ है। कोसी के उतरते पानी ने गांव पर मुसीबत का पहाड़ तोड़ दिया। गांव के 15 से 20 मकान नदी में समा जाने की खबरें हैं तो डरे सहमे हुए लोग जंगल की शरण लेने पर मजबूर हो गए हैं।