उत्तराखंडराजनीतिहल्ला बोल

उत्तराखंड में अग्निपथ का विरोध! तो सड़कों पर बैठे कांग्रेसी

उत्तराखंड में अग्निपथ का विरोध, राजधानी पहुंची विरोध की आंच

उत्तराखंड में गुरुवार का दिन एक तरह से धरना प्रदर्शनों के नाम रहा। युवा हों, किसान या कांग्रेसी, राज्य में अलग अलग मुद्दों को लेकर जगह जगह लोग सड़कों पर उतरे। सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम (agnipath) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। बिहार से निकली ये चिंगारी यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड व हिमाचल तक पहुंच गई है।

ब्रेकिंग उत्तराखंड: तो 20 जून तक नहीं चलेगा विधानसभा सत्र

बिहार में स्कीम के विरोध में दूसरे दिन भी कई जिलों में आगजनी हुई है, रेल मार्ग-सड़क मार्ग को रोका गया है। पथराव की भी खबरें हैं। वहीं, आरा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है। यहां रेलवे के ऑफिस में तोड़फोड़ हुई है।

देहरादून: डिजिटल राशन कार्ड को लेकर आई ये अपडेट! पढ़ें..

उत्तराखंड के खटीमा में सैकड़ों युवाओं ने जुलूस निकालकर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (agnipath) का जोरदार विरोध किया। खटीमा मुख्य चौक पर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। युवाओं ने योजना को वापस लेने की मांग की।

Breaking: पूर्व विधायक कैलाशचन्द्र गहतोड़ी को मिली बड़ी जिम्मेदारी

इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अग्निवीरों को रिटायर्ड होने के बाद उत्तराखंड पुलिस, आपदा प्रबंधन और राज्य के चार धाम प्रबंधन में नौकरी दी जाएगी।

अग्निपथ (agnipath) की स्कीम से बिहार समेत कई राज्यों के छात्र इसलिए हैं नाराज

बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम (agnipath) के नियमों पर नाराज हैं। उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा। फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी और ग्रैज्युटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है।

भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे।

चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी। सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा। लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?

उत्तराखंड में गुरुवार का दिन सेना में 4 साल की भर्ती वाली अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं ने दून से पहाड़ तक विरोध प्रदर्शन और नारेबाज़ी की, तो हरिद्वार ज़िले में किसान बिजली कटौती के विरोध में सड़कों पर आए। वही, राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर भी राज्य में कई जगह कांग्रेसियों ने विरोध दर्ज करवाया।

ईडी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से की जा रही पूछताछ से कांग्रेसियों में खासा गुस्सा देखा जा रहा है। भाजपा पर तानाशाही और बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन मेहरा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने दून में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों को पुलिस ने बल प्रयोग कर बैरिकेडिंग पर रोका।

दून में करन मेहरा के अलावा प्रदर्शन में खटीमा विधायक भुवन कापड़ी और हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत समेत कांग्रेस के कुछ और विधायक व नेता शामिल हुए। दून के अलावा भी राज्य में कई जगह राहुल के समर्थन में कांग्रेसी लामबंद दिखे।

देहरादून में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में युवा सड़कों पर उतर आए और शहर में इस योजना से जुड़े पोस्टरों व बैनरों को फाड़ते हुए दिखे। घंटाघर से राजपुर रोड तक युवाओं ने जाम लगा दिया और अनोखे ढंग से नारेबाज़ी व विरोध प्रदर्शन करते नज़र आए। अग्निवीर बनाए जाने के फैसले के विरोध में आज 16 जून को कई जगह युवाओं ने प्रदर्शन किया।

अग्निपथ योजना के विरोध में उत्तराखंड के युवा भी अब सड़कों पर उतर चुके हैं। खटीमा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और देहरादून में युवाओं ने अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। खटीमा में युवाओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। पिथौरागढ़ में युवाओं ने चक्का जाम किया। वहीं, बागेश्वर में युवाओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ज्ञापन भेजकर आर्मी परीक्षा जल्द करवाने और अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है.। देहरादून में युवाओं ने घंटाघर से लेकर परेड ग्राउंड तक जुलूस निकाला।

पिथौरागढ़ में युवाओं ने सिल्थाम में जो जाम लगाया, उसमें हज़ारों लोग फंस गए। वहीं, गुस्साए युवाओं ने बागेश्वर में कलेक्ट्रेट का घेराव​ किया। सेना में 4 साल की भर्ती वाली अग्निपथ योजना का बागेश्वर में ज़बरदस्त विरोध के बीच सेना में पुरानी प्रक्रिया से भर्ती कराने की मांग उठाई गई।  बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे युवाओं ने अग्निपथ योजना को निरस्त करने की मांग की।

अग्निपथ योजना विरोध की आंच उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी पहुंच गई है। देहरादून में युवाओं ने घंटाघर से लेकर परेड ग्राउंड तक जुलूस निकाला। देहरादून में युवाओं ने भाजपा की ओर से शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए गए पोस्टरों, बैनरों को फाड़ डाला और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बेरोजगार संगठन से जुड़े युवाओं का कहना है कि यह रोजगार के नाम पर एक छलावा है। इस स्कीम के 4 वर्ष बाद युवा बेरोजगार हो जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button