उत्तराखंड

प्रीतम सिंह व किशोर उपाध्याय हो पार्टी के अगले सीएम फेस – नेगी

उत्तराखंड में आगामी 2022 की विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने देहरादून के परेड ग्राउंड में विजय सम्मान रैली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मार्गदर्शन में राज्य में होने वाले चुनाव के लिए कमर कस ली है वही अब कांग्रेसी राज्य में भाजपा सरकार की नाकामियों को जोर शोर से जनता के बीच ले जाने के लिए संकल्प बद हैं
उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा जिस प्रकार कांग्रेश के सर्वमान्य नेता श्री राहुल गांधी जी द्वारा अब देशभर में आने वाले चुनाव में नए नेतृत्व की को प्राथमिकता दी जा रही है। उस को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखंड के अधिकांश कांग्रेस जन चाहते हैं।

राज्य में आगामी 2022 में कांग्रेस उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व सरल स्वभाव के व्यक्ति नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह या उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय में से किसी एक को मुख्यमंत्री चेहरे के लिए आगे करें पार्टी के दोनों नेताओं में से किसी भी एक नेता के नाम को आगे करने पर पार्टी को वर्ष 2017 में गढ़वाल मंडल और हरिद्वार में हुए नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी और पार्टी को आने वाले 20 वर्षों के लिए राज्य में भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक संघर्षशील चेहरा भी मिल जाएगा.

नेगी ने कहा कि जहां पार्टी नेता प्रीतम सिंह जमकर पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र का दौरा कर जनता के बीच भाजपा की जन विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे हैं तो वही पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी वनाधिकार व जन मुद्दों के साथ लगातार राज्य की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के दोनों नेता अपनी सादगी के चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच चर्चित और लोकप्रिय भी हैं वही जनता के बीच अच्छी पकड़ भी दोनों की मजबूती है.

उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह पांच बार के विधायक रह चुके हैं तथा तिवारी सरकार से लेकर पूर्व सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं साथ ही प्रीतम सिंह द्वारा बहुत विपरीत परिस्थितियों में उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष पद का निर्वहन किया गया जब पार्टी प्रदेश में 11 विधायकों पर सिमट गई थी तो ऐसे में भी प्रीतम सिंह ने भाजपा की चुनौतियों का सामना कर राज्य में पार्टी को चलाया.

वही किशोर उपाध्याय को बिना वजह पार्टी की मुख्यधारा से अलग किया गया लेकिन फिर भी उन्होंने पार्टी की खातिर चुप रह कर अपने राजनीतिक जीवन की परवाह किए बिना पार्टी के आदेशों का पालन किया और पार्टी के लिए समय-समय पर जी जान से जुटे रहे. उन्होंने अपने कार्यकाल में पूरे प्रदेश में कांग्रेस कमेटी में उन चेहरों को भी स्थान दिया जिनकी किसी भी प्रकार की सिफारिश कांग्रेस पार्टी में नहीं थी लेकिन वह कार्यकर्ता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण थे ऐसे कार्यकर्ताओं को किशोर उपाध्याय द्वारा संगठन में कार्य करने का मौका दिया गया.

पूर्व प्रदेश प्रवक्ता नेगी ने कहा कि कांग्रेस को भी अब भाजपा की रणनीति से मुकाबला करने के लिए पार्टी के दोनों नेताओं में से किसी भी एक नेता के नाम पर सहमति बनानी होगी जिससे पार्टी को उत्तराखंड में लंबे समय के लिए एक मजबूत नेतृत्व मिल जाएगा और 2016 में गढ़वाल मंडल में कांग्रेस को हुए जबरदस्त नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी उन्होंने कहा कि पार्टी के दोनों नेताओं की स्वच्छ छवि भी पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करेगी और यह नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भरोसे पर भी खरा उतरेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सफलता पार्टी की इन्हीं दोनों बड़े चेहरों के इर्द-गिर्द रहेगी वहीं इनके नाम पार्टी में आगे किए जाने से भविष्य में पार्टी के टूटने या नुकसान होने की संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगे और राज्य में गुटबाजी को भी हवा नहीं मिलेगी क्योंकि इन दोनों नेताओं ने राज्य में कभी भी गुटबाजी को बढ़ावा नहीं दिया.

 

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