उत्तराखंड

पंचकूला नगर निगम चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के पास ताकत दिखाने का सुनहरा मौका

अब इंडियन नेशनल लोकदल के पास पंचकूला में चुनाव की ताकत दिखाने का मौका !
धर्मपाल वर्मा
पंचकूला

इंडियन नेशनल लोकदल ने 25 सितंबर को रोहतक में स्वर्गीय चौधरी देवीलाल के जन्म दिवस पर प्रभावशाली, निर्णायक और समय की जरूरत के अनुरूप जिस प्रदेश स्तरीय रैली में जनता की वाही वाही लूटी है उसे इस समय राजनीति के ट्रनिंग पॉइंट के रूप में देखा जा रहा है। इस रैली के बाद लोगों ने महसूस किया है कि लोकदल का अपना वोट बैंक और जनाधार फिर से उसके पास लौट आया है।

यह भी कि इंडियन नेशनल लोकदल भाजपा और कांग्रेस का विकल्प भी हो सकता है। परंतु अगले तीन-चार साल इस पार्टी के नेताओं को अपने राजनीतिक कौशल, संयम ,दूरदर्शिता और योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने की योग्यता की परीक्षा भी जरूर देनी होगी।

इंडियन नेशनल लोकदल के लिए खुशी और संतोष की बात यह है कि अब उसका कार्यकर्ता फुल स्विंग में नजर आने लगा है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिस समझ और परिपक्वता के साथ संगठन की जिम्मेदारी उपयुक्त योग्य कर्मठ और निष्ठावान लोगों को सौंपी है उसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं।

इंडियन नेशनल लोकदल अब हरियाणा में एक चुनाव में भी अपनी ताकत दिखा सकता है यहां उसे राजनीतिक प्रबंधन, सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले और चढ़दी कलां का लाभ मिल सकता है।
हम बात कर रहे हैं इसी वर्ष दिसंबर महीने में प्रस्तावित पंचकूला नगर निगम के चुनाव की।

इस चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल योजनाबद्ध तरीके से और अभी तैयारी करके अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकता है। पार्टी को यहां जननायक जनता पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले खुद को एक ताकत के रूप में दिखाने का मौका मिलेगा।

इंडियन नेशनल लोकदल के नेता इस बात को बखूबी समझते हैं कि पंचकूला में अग्रवाल समाज के उन लोगों का हस्तक्षेप ज्यादा है जो मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं ।पंजाब में प्रकाश सिंह बादल के साथ संबद्धता और निकटता का इंडियन नेशनल लोकदल को अपेक्षाकृत ज्यादा लाभ और सहयोग मिलता है।

आपको बता दें कि इस समय भी पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल हैं उनका परिवार भी पंजाब से ताल्लुक रखता है और उन्होंने भी अपना चुनावी राजनीतिक जीवन इंडियन नेशनल लोकदल से शुरू किया था। भाजपा में जाने से पहले श्री गोयल पंचकूला से ही इंडियन नेशनल लोकदल की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

नगर निगम के चुनाव में हरियाणा के विभिन्न इलाकों से ताल्लुक रखने वाले ग्रामीण पृष्ठ भूमि के वह लोग इंडियन नेशनल लोकदल के पक्ष में आकर खड़े हो सकते हैं जो कभी सरकारी सेवा में थे या अब हैं और पंचकूला में स्थाई तौर पर रह रहे हैं।

यही के मतदाता बन गए हैं। इनमें ज्यादातर वह लोग हैं जिनकी पसंद इंडियन नेशनल लोकदल, कांग्रेस तथा जेजेपी तो हो सकती है लेकिन भाजपा नहीं है। इंडियन नेशनल लोकदल को पंचकूला में सिक्ख और मुस्लिम समुदायों का लाभ भी अपेक्षाकृत ज्यादा मिल सकता है।

जहां तक कार्यकर्ताओं का सवाल है पंचकूला में इंडियन नेशनल लोकदल के पास इसकी कमी महसूस हो रही है परंतु चुनाव को देखते हुए पार्टी नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने में आसानी से सफल हो सकती है ।यहां इंडियन नेशनल लोकदल के जितने कार्यकर्ता अब हैं उनमें ज्यादातर निष्ठावान और आक्रामक दृष्टिकोण के हैं।

इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं के पास वार्डों के अलावा मेयर पद के उम्मीदवारी के मामले में अच्छे विकल्प और मौके विद्यमान है। इसलिए यहां अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। चुनाव के बाद के परिणाम कई मायनों में इंडियन नेशनल लोकदल के लिए सुखद हो सकते हैं।

इंडियन नेशनल लोकदल संगठन और चुनाव प्रबंधन से यहां कॉलोनियों और गांवों के मतदाताओं में उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त करने में कामयाब हो सकता है। कांग्रेस और भाजपा के हताश निराश लोग भी अपने निजी कारणों से प्रत्यक्ष परोक्ष इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवारों की मदद मदद कर सकते हैं।

इस संभावना को इंडियन नेशनल लोकदल ही कैश करने की स्थिति में है। पार्टी के नेताओं ने पंचकूला में पार्टी जिला अध्यक्ष के रूप में मनोज अग्रवाल पर जो भरोसा जताया है वह भी चुनाव में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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