उत्तराखंड

महेश जोशी की मौत पर बवाल, पटवारी समेत कई पर संदेह; ग्रामीणों ने कहा—यह आत्महत्या नहीं हत्या है

महेश जोशी की मौत पर बवाल, पटवारी समेत कई पर संदेह; ग्रामीणों ने कहा—यह आत्महत्या नहीं हत्या है।

कोतवाली में जमे सैकड़ों ग्रामीण, महिलाओं के करुण क्रंदन से गमगीन हुआ माहौल।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत हल्दूचौड़ स्थित बच्चीधर्मा निवासी समाजसेवी महेश चंद्र जोशी की संदिग्ध मौत ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। परिजनों ने पटवारी समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं ग्रामीणों ने इस घटना को मानसिक उत्पीड़न का नतीजा बताते हुए हत्या करार दिया है।

मृतक के पुत्र विनय जोशी ने कोतवाली लालकुआं में दी गई तहरीर में कहा कि 20 सितम्बर को उनके पिता लालकुआं तहसील परिसर की पार्किंग में थे, जहां उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर पहले उन्हें एसटीएच हल्द्वानी और फिर राममूर्ति अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

सुसाइड नोट में पटवारी का जिक्र।

घटनास्थल से मिले सुसाइड नोट में महेश जोशी ने लिखा—“मैं अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहा हूं। इसमें मेरे घर वालों या बाहर के किसी का कसूर नहीं है। लालकुआं की पटवारी पूजा रानी ने मुझे काफी परेशान किया है। मेरे मरने के बाद इंसाफ दिलाना।”

इसके अलावा मिले एक अन्य पन्ने पर कई नाम और तिथियां दर्ज थीं, जिनमें कोहली (पुरानी फाइल), राहुल शाह, अनु कमला, भुवन ओली, रेखा भट्ट, हीरा पांडे, लीलाधर, हरिश्चंद्र और त्रिलोचन के नाम शामिल हैं। परिजनों का कहना है कि इनकी भी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

ग्रामीणों का आक्रोश और कोतवाली घेराव।

महेश जोशी की मौत की खबर फैलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। सैकड़ों की संख्या में लोग कोतवाली लालकुआं पहुंच गए और आरोपी अधिकारी को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए। गुस्साए ग्रामीणों में महिलाओं की उपस्थिति भी बड़ी संख्या में रही।

मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट, उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी और तहसीलदार ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण देर रात तक कोतवाली में डटे रहे।

गांव में मातम का माहौल।

गांव में जैसे ही महेश जोशी का शव पहुंचा, महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उनके करुण क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो उठा और हर किसी की आंखें नम हो गईं।

सियासी व सामाजिक हस्तियां भी पहुंचीं।

इस दौरान आंदोलनकारियों के साथ विधायक डॉ. मोहन बिष्ट, ग्राम प्रधान मुकेश दुम्का, हेमवती नंदन दुर्गापाल, कुंदन मेहता, कमलेश चंदोला, पुष्कर सिंह दानू, कनिष्ठ ब्लॉक प्रमुख कमल भंडारी, ग्राम प्रधान रुक्मणी नेगी, कैलाश भट्ट, रमेश जोशी, पीयूष जोशी, इंदर सिंह बिष्ट, उमेश फुलारा, दिनेश जोशी, पंकज गोस्वामी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

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