शिक्षक दिवस के अवसर पर हॉलिस्टिक हैल्थ एंड वैलनैस Coach, योग एवं ध्यान एक्सपर्ट मिला डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला को मिला शिक्षक रत्न सम्मान

05 सितम्बर: शिक्षक दिवस के अवसर पर हॉलिस्टिक हैल्थ एंड वैलनैस Coach, योग एवं ध्यान एक्सपर्ट मिला डॉ० (प्रो०) डी० सी० पसबोला को मिला शिक्षक रत्न सम्मान..
देहरादून: 05 सितम्बर 2025, शुक्रवार।
द फेयर विजन फाउंडेशन, महानगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा डॉ० डी० सी० पसबोला को शिक्षक रत्न सम्मान 2025 प्रदान किया गया है।
डॉ० पसबोला एक बेहतरीन हॉलिस्टिक हैल्थ एंड वैलनैस Coach, योग एवं ध्यान एक्सपर्ट हैं। उन्होंने शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज 05 सितंबर 2025 है। आज शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आज पांच सितंबर को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्ण जी के जन्मदिन पर राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वह एक महान शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति थे। आज 05 सितंबर का दिन शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस मौके पर आज स्कूलों व काॅलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
जानें क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस
5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। एक बार राधा कृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद से ही 5 सितम्बर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था। भारत में, देश के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है,जिनका जन्म 1888 में इसी दिन हुआ था। उन्होंने कहा था कि
“Instead of celebrating my birthday, it would be my proud privilege if 5 September is observed as Teachers’ Day.”
जानें शिक्षक दिवस मनाने का महत्व
सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस महान राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है जहां से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जीवन में शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं है बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते हैं। वहीं, शिक्षक हमारा मार्गदर्शन करते हैं कि जीवन में कभी भी कुछ अच्छा और ज्ञानवर्धक सीखने को मिले तो उसे तुरंत ही आत्मसात करना चाहिए। वह अपने छात्रों को पढ़ाते समय उनको पढ़ाई कराने से ज्यादा उनके बौद्धिक विकास पर ध्यान देते थे।
नोट: डॉ० डी० सी० पसबोला राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, देहरादून में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के पर पर कार्यरत हैं। वे एक बेहतरीन एवं अनुभवी चिकित्सक होने के साथ साथ एन सी डी रिवर्सल एक्सपर्ट एवं योग ध्यान के भी एक्सपर्ट हैं। उन्हें 21 वर्षों का राजकीय सेवा का अनुभव प्राप्त है। उनके द्वारा आयुर्वेद, योग एवं ध्यान के प्रति समय समय पर जन सामान्य को जागरूक किया जाता रहता है।