उत्तराखंड

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना “सरकार जनता के द्वार” को पलीता लगा रहे हैं जिम्मेदार महकमे

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना “सरकार जनता के द्वार” को पलीता लगा रहे हैं जिम्मेदार महकमे।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता, हल्दूचौड़।
जनसमस्याओं का त्वरित गति से निदान को सके इस उद्देश्य से सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा गांव गांव में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम आयोजित कराकर जन समस्याओं को सुनकर जिम्मेदार अधिकारियों को समाधान किए जाने को निर्देशित किया गया है। किंतु सूबे के मुखिया के निर्देशों से तमाम विभागों के जिम्मेदारों को शायद कोई लेना देना नहीं है।

सोमवार को विकासखंड हल्द्वानी के गंगापुर कबडवाल ग्राम पंचायत के हरिपुर भानदेव गांव में आयोजित सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में कई विभाग पहुंचे ही नहीं तो कई के विभागों के सक्षम अफसर गायब रहे ऐसे में जहां ग्रामीणों में खासी नाराजगी दिखी वहीं सरकार द्वारा चलाए जा रहे ओर मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों के नदारद रहने से सरकार की उक्त महत्वपूर्ण योजना दम तोड़ती दिखाई दी।इस कार्यक्रम में सक्षम अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है, ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिकारी ही नदारद हों तो कैसे साकार होगा सरकार का सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम ।
स्थानीय ग्रामीण पूरन तिवारी ने कहा कि सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत अधिकांश महत्वपूर्ण विभागो प्रतिनिधि तक मौजूद ही नहीं हैं कुछ विभागों के प्रतिनिधि मौजूद हैं तो सक्षम अधिकारी नहीं हैं ऐसे में जनता की समस्याओं का निदान कैसे होगा जबकि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का ग्रामीणों को पता नहीं है कौन कौन सी योजनाएं चल रही हैं । ग्रामीणों द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई है और नोडल अधिकारी अधिशासी अभियंता नलकूप कविंद्र पंत के समक्ष प्रस्ताव रखा कि आगे जब भी इस तरह के कार्यक्रम हों तो कम से कम मूलभूत सुविधाएं देने वाले विभागों के सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज हो, जिससे सरकार का उद्देश्य सरकार जनता के द्वार पूरा हो सके।

हरिपुर भानदेव गांव में सोमवार को प्रातः 11बजे से आयोजित सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में 12 बजे तक भी तमाम महत्वपूर्ण विभागो के अधिकारियों के नहीं पहुंचने से अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। नाराज ग्रामीणों ने नोडल अधिकारी को बिजली लोकनिर्माण वन विभाग समेत अन्य विभागों के सक्षम अधिकारियों के मौके पर न आने तक कार्यक्रम शुरू न किए जाने को कहा जिसके उपरांत नोडल अधिकारी ने दूरभाष पर संपर्क किया जिसके उपरांत वन विभाग से वन दारोगा और विद्युत विभाग से अवर अभियंता मौके पर आए संपर्क के बावजूद लोक निर्माण विभाग ओर राजस्व विभाग समेत तमाम महत्वपूर्ण विभागो के अधिकारी उक्त कार्यक्रम से नदारद रहे।

सरकारी व्यवस्थाओं के तहत शिविर में 14 विभागों के अधिकारियों को मौजूद रहना अनिवार्य था, लेकिन यहां पेयजल सिंचाई समाज कल्याण नलकूप विभाग ओर खाद्यपूर्ति विभाग के ही प्रतिनिधि पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि उक्त शिविर में शिक्षा, स्वास्थ्य, वन, कृषि, उद्यान, लोक निर्माण, सिंचाई, पेयजल, तहसील, बाल विकास, समाज कल्याण, जिला विकास, पंचायती राज, खाद्यपूर्ति, उद्योग सहित 14 विभागों के अधिकारी शामिल होंगे, लेकिन मौके पर नोडल अधिकारी अलावा सिंचाई पेयजल सामाजकल्याण नलकूप पूर्ति विभाग के ही प्रतिनिधि पहुंचे।

ग्रामीणों के विरोध के उपरांत नोडल अधिकारी ने दूरभाष से कई विभागों के अधिकारियों से मौके पर पहुंचने को कहा किंतु उसके बाद भी महज विद्युत विभाग के अवर अभियंता और वन विभाग के वन दारोगा ही मौके पर पहुंचे जिसके उपरांत फौरी कार्यवाही के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें ग्रामीणों ने नोडल अधिकारी के समक्ष समस्याएं रखी और नोडल अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं को संबंधित विभागों के साथ ही शासन के समक्ष रखें जाने की बात कह कर कार्यक्रम की इतिश्री कर ली गई।

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