उत्तराखंड

ढोल दमाऊ की मधुर ध्वनि के साथ 11 गांव की सुप्रसिद्ध देवी माँ राजराजेश्वरी तालतोली की डोली हुई केलाश के लिए रवाना, चौड़ी,नयागांव, किलातोली डेन्डुगा, दमदुमा, दन्द्रवाली, थुमथुमफौगी, गांवों को होते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए पहुंचेगी बन्दोला गाव

ढोल दमाऊ की मधुर ध्वनि के साथ 11 गांव की सुप्रसिद्ध देवी माँ राजराजेश्वरी तालतोली की डोली हुई केलाश के लिए रवाना, चौड़ी,नयागांव, किलातोली डेन्डुगा, दमदुमा, दन्द्रवाली, थुमथुमफौगी, गांवों को होते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए पहुंचेगी बन्दोला गाव।

रिपोर्टर – हरीश चन्द्र ऊखीमठ से। 

खबर है रुद्रप्रयाग जिले व ऊखीमठ ब्लॉक से आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जनपद के केदार घाटी की सुप्रसिद्ध देवी अखिल ब्रह्माण्ड नायिका जगत जननी ग्यारह गाँवों की ईष्ट देवी माँ राजराजेश्वरी तालतोली की 20 वर्षों के बाद श्री केदारनाथ धाम देवरा यात्रा करने के लिए बुधवार को ढोल दमाऊ की मधुर ध्वनि के साथ रवाना हो गई है वहीं। तालतोली मन्दिर समिति के अध्यक्ष कलम सिंह राणा ने बताया कि जय मां राजराजेश्वरी तालतोली देवी की केदारनाथ देवरा यात्रा का बुधवार को तीर्थ पुरोहितों के मत्रों उच्चारण व तद्नुसार रवाना हो गई है कहा कि इस देवरा यात्रा में 72 गांवों के भ्रमण के बाद तदनुसार 13 प्रविष्ट भाद्रपद मास बुधवार को शुभ मुहूर्त के साथ डोली को रवाना कर लिया है।

उन्होंने बताया कि कि इस देवरा यात्रा के दौरान माता राजराजेश्वरी तालतोली अपने पौराणिक परम्परागत केदार घाटी के लगभग छोटे बड़े 72 गाँवों का भ्रमण लगभग 40 दिन की यात्रा में करेगी। कहा कि बुधवार को जय मां राजराजेश्वरी तालतोली की डोली अपने मुख्य स्थान मंदिर तालतोली से श्रृंगार जो कि अलोकिक शक्ति के रूप में निकलकर बुधवार को अपने पौराणिक परम्परागत गाँव चौडी से होते हुए नयागांव, किलातोली डेन्डुगा, दमदुमा, दन्द्रवाली, थुमथुमफौगी, प्रथम रात्रि विश्राम के लिए बन्दोला गाव में विराजमान होगी साथ ही इन सभी गावो में क्षेत्र की दिशा घिण्याडियो द्वारा व क्षेत्र वासियों द्वारा माता की डोली की पूजा अर्चना और अर्ग लगाया गया। बता दें कि इन 48 दिनों के भ्रमण कार्यक्रम में माँ राजराजेश्वरी की डोली सबसे पहले अपने सम्मलित ग्यारह गूठ गाँवों का भ्रमण करेगी जिसमें सर्व प्रथम चौण्डी, तुलंगा, खेड़ा, भिनोली, सल्या, ल्वाणी, देवांगण, अन्द्रवाड़ी, नमोली, ल्वारा,जमलोक, आदि इन अपने ग्यारह गूठ गाँवों के भ्रमण के बाद माँ राजराजेश्वरी श्री केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों के गाँव में प्रवेश कर नंदखोला,सिंगोली , फहली, फसालत, फलाण, लमगौण्डी, होते हुये माँ राजराजेश्वरी अपने केदारनाथ तीर्थ पुरोहित के गाँव भणिग्राम पहुचेगी तत पश्चात, देवली, ढामस, घगोरा, मानपुर, पिठौरा, होते हुये अपनी छोटी वहिन से भेंट लगाने जायेगी कुमराॅंई, क्वारिका माता, तत पश्चात माँ राजराजेश्वरी अपनी बहिन दुर्गा माता के गूठ गाँवों में प्रवेश करेगी जिसमे मौठ, तिनसोली, सांग, नाग, जगई, पौल्ला, सुबदणी, कुनालिया, फेगू बरम्वाड़ी, होते हुये सेमी, भैसारी, गुप्तकाशी, सांकरी, देवर, धारकुड़ा रूद्रपुर कुठेड़ा, देवसाल, जाखधार, बणसू, त्यूड़ी, खुमेरा, यूँग होते हुये महिषासुर मर्दनी, मैखण्डा, खड़िया, खाट, धानी, व अपनी बहिन से भेंट लगाने नंदतोली तत पश्चात रविगांव धारगाॅंव फाटा, जामू, बडा़सू, न्यालसू, रामपुर, सीतापुर त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, मुनकटिया गौरीकुण्ड होते हुये हुये माता राजराजेश्वरी पहुँचेगी अपने आराध्य देव, देवों के देव महादेव भगवान श्री केदारनाथ के दर्शन मिलन, जो कि अपने आप में एक अलौकिक, ऐतिहासिक मिलन होगा जिसके साक्षी बनेगें कैलाश की सभी देवत्माये एवं सभी भक्तजन।

तत पश्चात अपने तीर्थ पुरोहित से पिण्ड तर्पण करवाने के बाद माता राजराजेश्वरी जायेगी स्वर्गद्वारी केदार घाटी के रक्षक भुकंन्ड भैरव में पूजार्चन के पश्चात केदारपुरी में भ्रमण कर अपने सभी भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हुये अपने तीर्थ पुरोहितों से सुफल प्रसाद करवाने के पश्चात तब होगा माँ राजराजेश्वरी व भगवान भोले नाथ की जुदाई व विदाई का मार्मिक पल ओर धीरे धीरे माँ राजराजेश्वरी करेगी केदारनाथ धाम से वापसी रामपुर होते हुये नारायणकोटि नाला गुप्तकाशी। गुप्तकाशी से माँ राजराजेश्वरी जायेगी माता कालीमाई के भेंट लगाने कालीमठ तत पश्चात गुप्तकाशी जमलोक होते हुये ल्वाणी से तालतोली इस प्रकार से माँ राजराजेश्वरी की आज्ञा से सुनिश्चित है श्री केदारनाथ देवरा यात्रा।

अपने स्थान तालतोली पहुँचकर हवन आदि के पश्चात माँ राजराजेश्वरी अपने स्थान तालतोली में विराजमान हो जायेगी। इस मौके पर प्रधान नवीन सिंह रावत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी, जिला पंचायत सदस्य गुप्तकाशी गणेश तिवारी, ट्रेड यूनियन के संस्थापक व कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष अवतार सिंह नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य ल्वारा सुरजीत भट्ट, प्रधान ल्वाणी, कचन, सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप सिंह रावत, मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष दयाल सिंह राणा, कोषाध्यक्ष देवी प्रसाद बगवाड़ी, सचिव दौलत सिंह रावत, उप सचिव आन्दन सिंह रावत, वार्ड सदस्य चौड़ी जशोदा (जस्सी) देवी कुलदीप कुमार, रामलाल, पूर्व प्रधान जगदीश लाल, संतलाल, अंकित भगतलाल के साथ समस्त 11 गांवों की महिला मंगल दल व ग्रामवासियों और दिशा धिण्याणी मौजूद रहे।

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