उत्तराखंड

चारधाम यात्रा मार्ग पर राहत : गंगानगर क्षेत्र में तेज़ी से हो रहा है पुनर्निर्माण कार्य

चारधाम यात्रा मार्ग पर राहत : गंगानगर क्षेत्र में तेज़ी से हो रहा है पुनर्निर्माण कार्य

अगस्त्यमुनि-बेरुबगड़ के बीच 15 दिन में डामर उखड़ने की खबर भ्रामक, फिलहाल वैकल्पिक रास्ते पर किए हैं अस्थाई कार्य

रिपोर्ट हरीश चन्द्र।

स्थाई निर्माण कार्य प्रारम्भ, संबंधित स्थान पर दीवार बनने के बाद ही शुरू होगा स्थायी समाधान

वर्ष 2013 की आपदा में गंगानगर सेतु के पास राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया था। तब से यातायात को किराये की ज़मीन से वैकल्पिक रास्ता बनाकर संचालित किया जा रहा था। बीते 10 वर्षों में, इस स्थान पर बाईपास निर्माण की योजना के कारण कोई नया निर्माण कार्य नहीं किया गया था। जबकि वर्ष 2024-25 में भारत सरकार ने गंगानगर क्षेत्र में मार्ग को फिर से बनाने और मजबूत करने के लिए ₹24.46 करोड़ की स्वीकृति दी है। यह कार्य ठेकेदार को ₹12.99 करोड़ में सौंपा गया है। निर्माण कार्य की शुरुआत 27 मार्च 2025 से हो चुकी है।

चारधाम यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए, ठेकेदार द्वारा मार्ग को गड्ढामुक्त किया गया है, जिससे कि यात्रा में कोई दिक्कत सामने न आए और यात्रा निर्विघ्न रूप से संचालित की जा सके। इसके साथ ही अस्थायी रूप से मिट्टी और पत्थर डालकर रास्ता भी बनाया गया, जो हाल की वर्षा में थोड़ा क्षतिग्रस्त हो गया है। चूंकि रास्ते के किनारे दीवार बनाने में अभी समय लगेगा, इसलिए तब तक समय-समय पर गड्ढामुक्त कर यातायात चालू रखा जाएगा। भविष्य में दीवार पूरी होने के बाद मार्ग को स्थायी रूप से दुरुस्त कर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ओमप्रकाश पांडे ने बताया किश्र वर्तमान में उक्त जगह पर जो भी कार्य किए गए हैं, वे अस्थायी रूप से किए गए हैं, जबकि दीवार निर्माण के बाद कार्य को स्थायी रूप से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक माह में अधिकतर मुख्य कार्य पूरे कर लिए गए हैं, और यात्रा के बाद बाकी बचे कार्य भी पूरे कर लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सड़क निर्माण के संबंध में जो भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, वह तथ्यहीन है। उन्होंने कहा कि दीवार निर्माण के बाद गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए सभी कार्य पूरा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button