हल्दूचौड़ से संवाददाता गौरव गुप्ता : हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तराई केंद्रीय वन प्रभाग के हल्द्वानी रेंज से सटे तमाम गांवों में गजराज का आतंक पिछले तीन चार दिनों से जारी है। लेकिन अफसोस की बात है कि वन विभाग के पास हाथियों से सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं है।
हर बार हाथियों का झुंड सीमावर्ती जंगलों से प्रवेश करता है और गावों में कहर बरपाते हुए किसानों की फसलों को पैरों तले कुचल कर बर्बाद करते हुए पुनः जंगल में प्रवेश कर जाता है। लेकिन वन विभाग मूकदर्शक बना रहता है।
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जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में पिछले तीन चार दिनों से हाथियों के झुंड का आतंक जारी है। हाथियों का झुंड पिछले कई दिनों से अलग-अलग गावों को निशाने पर लेकर किसानों की फसलो को रौंद रहा है जिससे ग्रामीण भारी दहशत ओर आक्रोश में हैं। हाथियों के आतंक से भयभीत लोगों को फसलों और स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए रतजगा करना पड़ रहा है।
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क्या कहते हैं जिम्मेवार…?
कई सालों से हाथियों के आतंक से जूझ रहे ग्रामीणों को हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों के खोखले दावों से अब ग्रामीण तंग आ गए हैं। कई सालों से शुरू हुई इस विपदा का स्थायी रूप से कोई समाधान न विभाग कर पा रहा है ना ही जनप्रतिनिधि।
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हाथियों का कहर कम किया जा सके इसके लिए विभाग विगत एक दशक से इस क्षेत्र में काम करने की बात तो कहता है, किंतु इसे विडंबना ही कहेंगे कि दशकों से किसानों की इस समस्या को लेकर दावे वादे कर राजनैतिक रोटियां तो सेंकी गई, किंतु समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।