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ब्रेकिंग : सिम से जुड़ी खबर! जानें अब क्यों हो सकती है जेल?

देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है

  • फर्जी सिम का उपयोग करने वालों को 3 वर्ष की सजा और 50 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान
  • देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर दिया गया है
  • इसकी जगह अब नए कानून ने जगह ली है
  • इसमें तीन साल की सजा और पचास हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है
  • फर्जी सिम लेने वालों की खैर नहीं, जानें अब क्यों हो सकती है जेल?

नई दिल्ली : सरकार देश में फर्जी सिम कार्ड के जरिए ठगी और इसी तरह के अन्य अपराधों पर नकेल कसने जा रही है। देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को संसद ने गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस विधेयक में फर्जी सिम लेने पर तीन साल की जेल और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान किया गया है।

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राज्यसभा ने दूरसंचार विधेयक 2023 को विपक्ष की गौर मौजूदगी में ध्वनिमत से आज पारित कर दिया, जिसमें टेलीकॉम क्षेत्र में न सिर्फ व्यापक पैमाने पर सुधार के प्रावधान किए गए, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों के सुरक्षा के साथ ही फर्जी कागजात पर सिम लेकर उससे धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने की व्यवस्था की गई है।

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लोकसभा ने इस विधेयक को कल पारित किया था। इस तरह से आज इस पर संसद की मुहर लग गई। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए कहा कि उपनिवेश काल के कानूनों को समाप्त कर यह नया विधेयक बनाया गया है। पिछले साढ़े नौ वर्षों में यह क्षेत्र घोटालों से उबर कर उभरता हुआ क्षेत्र बन गया है।

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 6.25 लाख टॉवर थे जो अभी बढक़र 25.5 लाख हो गए हैं। इसके साथ ही ब्रांडबैंड इंटरनेट ग्राहकों की संख्या भी 1.5 करोड़ से बढक़र 85 करोड़ हो गयाी है। 14 महीने से भी कम समय में देश में 5जी के 4 लाख से अधिक टॉवर लगाये गए हैं। उन्होंने कहा कि गलत कागजात देकर फर्जी सिम का उपयोग करने वालों को 3 वर्ष की सजा और 50 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मोबाइल फोन को क्लोन करके अपराध करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

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इसके साथ शिकायत निवारण की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त टॉवर लगाने के लिए सुगम व्यवस्था की गयी है। इसमें कॉमन डक्ट बनाने की बात की गयी है जिसका सभी दूरसंचार सुविधाओं के लिए उपयोग किया जा सकेगा। संचार मंत्री ने कहा कि 2 जी के समय बड़े बड़े घोटाले होते थे। आज इस विधेयक के माध्यम से स्वच्छ और शुचिता भरी व्यवस्था की गयी है। अब सिर्फ नीलामी से ही स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा। सिर्फ 19 ऐसे क्षेत्र हैं जिनको प्रशासनिक तरीके से स्पेक्ट्रम आवंटन होगा। स्पेक्ट्रम एक ऐसा संसाधन है, जो बाकी प्राकृतिक संसाधन से अलग है। यह एक ऐसा संसाधन है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाला है। यह आत्मा की तरह अजर और अमर है।

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इसके मद्देनजर स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए प्रावधान किए गए हैं।इसमें स्व स्वीकृत निवारण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में दूरसंचार नेटवर्क को सरकार के नियंत्रण में लेने की व्यवस्था वर्तमान में भी है और इस नए विधेयक में भी वहीं व्यवस्था की गयी है। अमरीका और यूरोप जैसे देशों में भी भारतीय टेलीकॉम उपकरण का उपयोग हो रहा है और आठ हजार करोड़ के उपकरण निर्यात किए गए हैं। इस क्षेत्र में 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इस नए विधेयक में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, जिससे रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़े। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

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