दिल्ली

ब्रेकिंग: 1 तारीख से बदल जाएगें ये नियम! ये डॉक्यूमेंट लागू

1 तारीख से बदल जाएगा आपके रोजाना कामकाज का ये बड़ा नियम, अब इन सरकारी काम के लिए जरूरी होगा ये डॉक्यूमेंट

 

बदल रहा है महीना, हो रहे हैं बदलाव, एक अक्तूबर से जिंदगी में आएगा नया पड़ाव

नई दिल्ली New Rules From 1st October :  अक्टूबर 2023 का महीना शुरू होने में अब 2 दिन बचे हैं. इसी के साथ बहुत सारे वित्तीय बदलाव भी तैयार हैं, जो 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. हर महीने की फर्स्ट डेट बहुत ही अहम होती है। क्योंकि हर महीने कई बदलाव जो होते हैं। देश में होने वाले ये बदलाव आम आदमी की पॉकेट पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है.

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अब जब सितंबर का महीना जाने वाला है तो लाजमी है कि अगले महीने की पहली तारीख को कुछ न कुछ बदलाव जरूर होंगे और ये बदलाव अक्टूबर की पहली तारीख से कई होने जा रहे हैं। ये बदलाव आपकी जानकारी में जरूर होने चाहिएं, जिससे आपको किसी तरह की कोई समस्या न हो। आइए जानते हैं कि कौन-से नए नियम लागू होने वाले हैं और वे कैसे आपके मंथली खर्च को प्रभावित करेंगे.

1. टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) का नया नियम होगा लागू: सरकार एक अक्टूबर, 2023 से 20 फीसदी TCS का नया नियम लागू करने वाली है. यह न सिर्फ विदेश यात्राओं पर लागू होगा, बल्कि किसी दूसरे देश में किसी भी माध्यम से किए गए लेनदेन भी नए नियम के दायरे में आएंगे. ये परिवर्तन अंतरराष्ट्रीय यात्रा, विदेशी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, विदेश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने या विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं.

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2. बिना नॉमिनेशन डीमैट खाते अभी नहीं होंगे फ्रीज: सेबी ने ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए 30 सितंबर तक नॉमिनेशन कराना अनिवार्य किया था. ऐसा नहीं करने वालों का खाता एक अक्टूबर को फ्रीज किए जाने की बात कही गई थी. परंतु, अब इस तारीख को आगे खिसका दिया गया है. इस कार्य को पूरा करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है.

3. आधार, पैन जमा नहीं करने पर स्मॉल सेविंग स्कीम में पैसे पर असर: जिन व्यक्तियों ने सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NPS) जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने का विकल्प चुना है, उन्हें 30 सितंबर तक अनिवार्य रूप से अपना पैन कार्ड और आधार कार्ड जमा करना होगा. सरकार की अधिसूचना के अनुसार, ऐसा न करने पर 1 अक्टूबर से खातों को निलंबित किया जा सकता है.

4. सरकारी नौकरियों के लिए जन्म प्रमाण पत्र बनेगा एकल दस्तावेज: केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 अक्टूबर की 1 तारीख से लागू हो जाएगा. इस संशोधित कानून के लागू होने से कई महत्वपूर्ण कामों में बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल होगा. जैसे कि शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता सूची तैयार करने, आधार संख्या, विवाह पंजीकरण और सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए एकल दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल होगा.

5. नहीं चलेगा 2 हजार का नोट: एक अक्टूबर से दो हजार रुपये का नोट (2000 Rupees Note) नहीं चलेगा. एक अक्टूबर से 2000 रुपये का नोट चलन से बाहर हो जाएगा। अगर आपके पास अभी भी दो हजार रुपये का नोट है और आपने इसे चेंज नहीं किया है तो इसे 30 सितंबर तक हर हाल में चेंज करवा लें। क्योंकि 30 सितंबर 2023 दो हजार रुपये के नोट को बदलवाने का अंतिम दिन है। इसके बाद आपके लिए वो 2000 रुपये का नोट बेकार हो जाएगा। उसकी कोई वैल्यू नहीं रह जाएगी। 30 सितंबर 2023 को 2 हजार रुपये के नोट को बदलने का अंतिम दिन है.

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 1 अक्टूबर से निर्देश होगा लागू

 

Detail :  जन्म प्रमाण पत्र को सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक जन्म और मृत्यु का पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 आगामी 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. इस संशोधित कानून के लागू होने से कई महत्वपूर्ण कामों में बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल होगा. जैसे कि शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता सूची तैयार करने, आधार संख्या, विवाह पंजीकरण और सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए एकल दस्तावेज के तौर पर इस्तेमाल होगा.

बता दें कि संसद के दोनों सदनों ने हाल ही में बीते मानसून सत्र के दौरान जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया था. बीते 7 अगस्त को राज्यसभा में इस संशोधित विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया था. वहीं लोकसभा में 1 अगस्त को पारित हुआ था. जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अस्तित्व में आने के 54 वर्षों बाद पहली बार इसमें संशोधन हुआ है.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विधेयक पेश करते हुए कहा था कि सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने एवं इसे अधिक नागरिक अनुकूल बनाने के लिए संशोधन की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकारों, जनता और अन्य हितधारकों के साथ इस बारे में सलाह ली गई थी.

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