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उत्तराखंड: ऐसे कैसे मिलेगा मुफ्त इलाज! आयुष्मान योजना का Online

स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। कभी सर्वर की खराबी तो कभी डॉक्टर्स की कमी से मरीजों का समय पर इलाज नहीं हो पा रहा है। बेस अस्पताल में आने वाले मरीजों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मिलने वाली मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रहा है। दूर दराज के क्षेत्रों से आए लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। देहरादून से आयुष्मान योजना का ऑनलाइन सर्वर डाउन होने को इसकी वजह बताया जा रहा है। इस वजह से मरीजों के कार्ड ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर नहीं हो पा रहे हैं।

मरीजों की निशुल्क पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांचें और ऑपरेशन आदि नहीं हो पा रहे हैं। कुछ मरीज पिछले कई दिनों से अस्पताल में इलाज शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। बेस अस्पताल में सोमवार को सात ऐसे मरीज इमरजेंसी व वार्ड में लेटे थे। सिमलखेत अल्मोड़ा निवासी हयात राम ने बताया कि वह तीन दिन से इलाज की उम्मीद में यहां लेटे हैं। अस्पताल में आयुष्मान कार्ड का काम को देख रहे कर्मचारियों का कहना है कि वह मरीजों के नाम और कार्ड नंबर नोट कर रहे हैं। अगर सर्वर काम करने लगेगा तो मरीजों को सूचित किया जाएगा।

केस-1:सिमलखेत निवासी हयात राम को सांस की बीमारी है। हालत बिगड़ने पर शनिवार को बेटे राजेन्द्र और पत्नी के साथ इमरजेंसी में भर्ती हुए। आयुष्मान कार्ड के काम नहीं करने से इलाज नहीं हो पा रहा है।

केस-2:नई बस्ती निवासी इस्तेखार हर्नियां से पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि इलाज कराने के लिए रविवार को अस्पताल में भर्ती हुए थे। आयुष्मान कार्ड नहीं चलने से उनका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।

केस-3:मोटाहल्दू निवासी हेमा गंभीर रूप बीमार है। बीते रविवार से बेस अस्पताल की इमरजेंसी के बेड नंबर 3 पर लेटी हैं। मां पुष्पा ने बताया कि कार्ड नहीं चलने के चलते इलाज शुरू नहीं हो पा रहा है।

केस-4:मुनस्यारी निवासी लक्ष्मण इमरजेंसी के बेड नंबर 4 पर सोमवार सुबह से लेटे थे। पेट संबंधी दिक्कतें हैं, कई तरह की जांचें होनी हैं। उनका कहना है कि आयुष्मान कार्ड चालू हो तो इलाज मिले।

केस-5:ओखलकांडा निवासी दीपक सिंह मेवाड़ी के पैर में इनफेक्शन होने के बाद सूजन आ गई है। वह सर्जिकल वार्ड में भर्ती हैं। आयुष्मान कार्ड है, लेकिन काम नहीं आ रहा है। 1200 रुपये इलाज में लग चुके हैं।

केस-6:वनभूलपुरा निवासी सानिया गंभीर रूप से बीमार है। बी ब्लॉक में महिला वार्ड में लेटी हैं। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी उनका इलाज शुरू नहीं हो पा रहा है। परिजनों का कहना है कि मुफ्त इलाज की उम्मीद में यहां आए हैं।

आयुष्मान कार्ड के सर्वर में देहरादून से ही गड़बड़ी है। मरीजों से कहा गया है कि आयुष्मान कार्ड को ऑनलाइन रजिस्टर कराएं। जैसे ही कार्ड रजिस्टर हो जाएगा उनको जरूरी इलाज मिल जाएगा। डॉ. हरीश लाल, पीएमएस, बेस अस्पताल हल्द्वानी

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