उत्तराखंड

सहकारिता विभाग उत्तराखंड सिंहावलोकन वर्ष 2023: लाभार्थियों को 620.45 करोड़ का ऋण

सहकारिता विभाग उत्तराखंड सिंहावलोकन वर्ष 2023: लाभार्थियों को 620.45 करोड़ का ऋण

दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 87835 लाभार्थियों एवं 306 स्वंय सहायता समूहों को कुल रु0 620.45 करोड़ का ऋण वितरित किया।

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, उत्तराखण्ड के दूरस्थ ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों के 10 हज़ार लाभार्थियों को कुल 23871 मै०टन साइलेज/पशुचारा वितरित किया गया

देहरादून : वर्ष 2023 में, सहकारिता विभाग उत्तराखंड ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह प्रगति सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार हुई कई समीक्षा बैठकों का परिणाम है।

सकारात्मक बदलाव लाने वाली प्रमुख पहलों में से एक है-दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 87835 लाभार्थियों एवं 306 स्वयं सहायता समूहों को कुल 620.45 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया। धन के इस निवेश ने निस्संदेह किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों में सुधार करने में मदद की है, जिससे उनकी समग्र आय और जीवन स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

एक और उल्लेखनीय पहल मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना, उत्तराखंड है, जिसके तहत सुदूर ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों में 10 हजार लाभार्थियों को 23871 टन साइलेज/पशु चारा वितरित किया गया। यह समर्थन इन क्षेत्रों में पशु चारे की कमी की चुनौती से निपटने में सहायक रहा है, जिससे पशुधन उत्पादकता में सुधार और ग्रामीणों की आर्थिक भलाई में योगदान मिला है।

इनके अलावा, सहकारिता विभाग ने 914 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण और 158.57 करोड़ रुपये के मध्यम अवधि के ऋण के वितरण की भी सुविधा प्रदान की है। इन वित्तीय सहायताओं ने व्यक्तियों और समूहों को बहुत आवश्यक पूंजी प्रदान की है, जिससे वे अपने व्यवसायों और कृषि गतिविधियों में निवेश करने में सक्षम हुए हैं, जिससे अंततः व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है।

इसके अलावा, विभाग ने वैकल्पिक आजीविका विकल्पों का समर्थन करने के लिए भी कदम उठाए हैं। ई-रिक्शा कल्याण योजना के तहत 94 लाभार्थियों को 176.74 लाख रुपये, जबकि मुख्यमंत्री मोटरसाइकिल योजना के तहत 22 लाभार्थियों को 20.87 लाख रुपये का वितरण किया गया. इन पहलों ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि विशेष रूप से टूरिस्ट क्षेत्रों में परिवहन की पहुंच भी बढ़ाई है।

वर्ष 2023 में सहकारिता विभाग उत्तराखंड के प्रयास सराहनीय रहे हैं। विभिन्न योजनाओं और पहलों का ग्रामीणों के जीवन पर सकारात्मक और ठोस प्रभाव पड़ा है, जिससे उनके आर्थिक सशक्तिकरण और समग्र कल्याण में योगदान मिला है। यह स्पष्ट है कि प्रभावी योजना और कार्यान्वयन के माध्यम से, विभाग ने सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक मूर्त परिणामों में बदल दिया है, और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भी यह गति बरकरार रहेगी।

वर्ष 2023 सहकारिता योजना का विवरण

अल्पकालीन एवं मध्यकालीन ऋण के अन्तर्गत राज्य में कार्यरत जिला सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के कृषकों को अल्पकालीन ऋण के अन्तर्गत रू0 914.76 करोड़ व मध्यकालीन ऋण के अन्तर्गत रू० 158.97 करोड़ वितरित किये जा चुके हैं।

दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत कृषक सदस्यों को कृषि एवं कृषि सहवर्ती कार्यों हेतु रु० 01.00 लाख तथा कृषियेत्तर कार्यों हेतु रु0 3.00 लाख तक एवं स्वयं सहायता समूहों को रु0 5.00 लाख तक की धनराशि का ब्याजरहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त योजनान्तर्गत योजनारम्भ (अक्टूबर 2017) से आतिथि कुल 868477 लाभार्थियों एवं 4998 स्वंय सहायता समूहों को कुल रु0 4976.50 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 87835 लाभार्थियों एवं 306 स्वंय सहायता समूहों को कुल रु0 620.45 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है, जिससे कृषकों की कृषि उत्पादन लागत में कमी आयी है, फलस्वरुप उनकी आय में वृद्धि हुयी है।

राज्य के युवाओं/युवतियों को रोजगार प्रदान किये जाने के दृष्टिगत रोजगार सृजन हेतु ‘मुख्यमंत्री ई-रिक्शा कल्याण योजनान्तर्गत सहकारी बैंकों द्वारा बेरोजगार युवकों/युवतियों को ई-रिक्शा खरीद हेतु 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त योजनान्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 94 लाभार्थियों को रू0 176.74 लाख का ऋण ई-रिक्शा कल्याण योजना के अन्तर्गत वितरित किया गया।

मोटर साइकिल टैक्सी योजना अन्तर्गत आवेदनकर्ता को प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटक / यात्रियों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंकों के माध्यम से वाहन क्रय किये जाने हेतु रू0 60 हजार से 01 लाख 25 हजार तक का 02 वर्षों तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त योजनान्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 22 लाभार्थियों को रू0 20.87 लाख का ऋण वितरित किया गया।

मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, उत्तराखण्ड के दूरस्थ ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालकों एवं महिलाओं को चारे के बोझ से मुक्त किये जाने के उद्देश्य से अनुदानित दर पर पैक्ड सायलेज एवं सम्पूर्ण मिश्रित पशुआहार (टी०एम०आर०) उनके घर-घर उपलब्ध कराये जाने हेतु संचालित की गयी है। वर्तमान में डेयरी विकास विभाग द्वारा संचालित उक्त योजनान्तर्गत राज्य के समस्त पर्वतीय क्षेत्रों के 152 वितरण केन्द्रों के माध्यम से आतिथि अनुदानित दर पर कुल लगभग 10000 लाभार्थियों को कुल 23871 मै०टन साइलेज / पशुचारा वितरित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से कुल 4308 खाताधारकों से कुल रू0 7587.11 लाख एन०पी०ए० की वसूली की गयी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिला सहकारी बैंकों की कुल 328 शाखाओं में से 273 शाखायें लाभ में तथा 55 शाखायें हानि में संचालित है।

माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रवार गतिविधियां संचालित की जा रही है। परियोजनान्तर्गत 70 सहकारी समितियों में 1236 एकड़ भूमि एवं 2400 किसानों का चयन किया गया है।

सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति का विवरण

सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नेशनल कॉ-ऑपरेटिव डाटाबेस के अन्तर्गत कुल 5288 समितियों का ऑनलाईन डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

अनाच्छादित ग्राम पंचायतों में सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार के कार्यक्रम के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल में 26 व कुमायूँ मण्डल में 13 नई समितियाँ स्थापित की गयी है।

सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नेशनल कॉ-ऑपरेटिव डाटाबेस के अन्तर्गत कुल 5288 समितियों का ऑनलाईन डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

राज्य में 300 से अधिक ई-सर्विसों को एमपैक्स के माध्यम से गाँवों तक पहुँचाने हेतु एमपैक्सों को जन सुविधा केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में 630 एमपैक्स द्वारा आवेदन किया गया है एवं 619 एमपैक्स “जन सुविधा केन्द्र के रूप में कार्य कर रही है।

राज्य के आम जन मानस, पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती कीमत वाली गुणवत्ता पूर्ण दवाईयां व अन्य मेडिकल सामग्री उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से एमपैक्सों को ‘जन औषधि केन्द्रों’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में जन औषधि केन्द्र हेतु 67 एमपैक्सों द्वारा आवेदन किया गया है जिसमें से 43 एमपैक्स स्वीकृति प्राप्त उपरान्त 06 एमपैक्सों को ड्रग लाईसेंस निर्गत किये गये हैं।

भारत सरकार द्वारा पैक्स को नये LPG distributorship/Petrol/Diesel dealership आवंटन हेतु राज्य को CC2 श्रेणी में जनपदवार् कुल 07 स्थान दिये गये थे, जिसके सापेक्ष राज्य की 03 एमपैक्सों (बहु० प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति लि०) में Petrol/Diesel dealership हेतु सम्बन्धित ऑयल कम्पनी द्वारा सहमति प्रदान की गयी है।

राज्य में कार्यशील पैक्स को उर्वरक खुदरा विक्रेता के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में 470 पैक्सों में ‘प्रधानमंत्री समृद्धि केन्द्र” खोले जा चुके हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर तीन नई प्रकार की समितियाँ यथा National Cooperative Export Society, National Cooperative Organic Society, Bharatiya Beej Sahakari Samiti की सदस्यता राज्य की कुल 1358 समितियों द्वारा ग्रहण की जा चुकी है।

सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजनान्तर्गत राज्य *के 13 जनपदों से 39 प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, जिसमें से 05 प्रस्ताव राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) एवं सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार प्रेषित किये गये हैं।

सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से राज्य द्वारा जलापूर्ति सम्बन्धी संचालन एवं रखरखाव, पैक्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों जल की आपूर्ति, संचालन एवं क्रियान्वयन किया जाना है। पानी समिति के रूप में कार्य करने हेतु 8 जिले की 32 पैक्स चिन्हित की गयी है।

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