उत्तराखंडशिक्षा

बड़ी ख़बर : शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा फैसला! आदेश जारी

Big news: Education Department has taken a big decision! issued orders

Big news: Education Department has taken a big decision! issued orders

देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने दो महत्वपूर्ण आदेश जारी कर शिक्षकों को कड़ा संदेश दे दिया है। पहला आदेश उन शिक्षकों को लेकर है, जो सेटिंग के बल पर कई सालों तक सुगम में एक ही जगह पर डटे हुए है, जबकि दूसरा आदेश ऐसे शिक्षकों और शिक्षा विभाग में नेतागिरी करने वाले कर्मचारियों को लेकर है, जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हैं।

शर्मनाक : बेज़ुबान बछिया को बनाया हवस का शिकार! “हैवान” गिरफ्तार

स्थानान्तरण अधिनियम की धारा – 7 (घ) से आच्छादित कार्मिकों को दुर्गम में स्थानान्तरण से छूट होने के कारण कतिपय कार्मिकों की सुगम क्षेत्र के एक ही कार्यालय में वर्षों से कार्यरत होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही है।

अतः निर्णय लिया गया है कि स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 7(घ) (दो) में उल्लिखित श्रेणी से आच्छादित कार्मिकों को सुगम के एक कार्यालय/जनपद में चार वर्ष पूर्ण होने के उपरान्त सुगम के दूसरे निकटवर्ती कार्यालय / जनपद जहां पद रिक्त हो, स्थानान्तरित किया जा सकेगा। पद रिक्त न होने की दशा में उक्त श्रेणी के दो कार्मिकों को पारस्परिक रूप से स्थानान्तरित किया जा सकता है।

Breaking : बदरीनाथ हाईवे पर अनियत्रिंत होकर पलटी यात्रियों से भरी बस! 28 यात्री थे सवार

संज्ञान में आया है कि कतिपय शिक्षक (प्रवक्ता, स.अ. एल. टी., स.अ. प्रारम्भिक ) व कार्मिक विभिन्न संस्थानों में कई वर्षों से कार्यरत हैं, किन्तु उनके नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है, के दृष्टिगत निर्णय लिया गया है कि कोई भी शिक्षक- कार्मिक, जो विभिन्न संस्थानों (यथा सीमैट, एस.सी.ई.आर.टी. बोर्ड कार्यालय, डायट आदि) में 04 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं।

Exclusive: यहां पुलिसकर्मी और युवक के बीच जमकर हाथापाई! Video वायरल

उन्हें अनिवार्यतः स्थानान्तरित किया जायेगा, किन्तु ऐसे स्थानान्तरित शिक्षक को किसी भी दशा में एस.सी.ई.आर.टी. व डायट में पदस्थापित नहीं किया जायेगा। साथ ही यदि ऐसे शिक्षक पात्रता सूची में सम्मिलित होने से छूटे हों तो उन्हें तत्काल पात्रता सूची में सम्मिलित कर उक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

Know your personality from the shape of your nose

खबर विस्तार से…

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने ऐसे कई शिक्षकों पर कड़ा रुख अपनाया गया है, जो स्थानांतरण अधिनियम की कुछ खास धाराओं के कारण दुर्गम क्षेत्रों में स्थानांतरित नहीं किए गए। इसके कारण शिक्षा विभाग में ही तैनाती को लेकर परेशानियां खड़ी हो गई है।

ऐसे मामले में शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों को दुर्गम में स्थानांतरण से छूट दी गई है, जिसके कारण यह शिक्षक और कर्मचारी कई सालों से एक ही जगह पर जमे हुए है।

टमाटर खाने के शौकीन हो जाएं सावधान!

ऐसे में अब ऐसे कर्मचारियों को एक जगह पर 4 साल पूरे होने की स्थिति में सुगम क्षेत्र के ही दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं, पद रिक्त न होने की स्थिति में कर्मचारियों को पारस्परिक रूप से भी स्थानांतरित किया जा सकता है।

ब्रेकिंग : पुलिसकर्मी लाइन हाजिर! तीन होमगार्डों पर कार्रवाई

यही नहीं आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो भी प्रवक्ता सहायक अध्यापक व कर्मचारी विभिन्न संस्थाओं में कई सालों से कार्यरत है और उनका नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है, ऐसे शिक्षक यह कर्मचारियों को 4 साल से अधिक समय तक एक ही जगह पर कार्यरत होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा और इन्हें एससीईआरटी या डायट में तैनाती नहीं दी जाएगी।

साथ ही ऐसे शिक्षक यदि पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है तो उन्हें पात्रता सूची में सम्मिलित किए जाने की कार्रवाही सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षा महानिदेशक की तरफ से अगला आदेश शिक्षकों और विभाग में नेतागिरी करने वाले ऐसे कर्मचारियों को लेकर है, जो सोशल मीडिया पर बयान बाजी करते हैं।

इस आदेश में भी स्पष्ट किया गया है कि जिस तरह से खुले रूप में शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे हैं, उससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल होती है। लिहाजा ऐसे किसी भी बयान पर पूरी तरह से रोक लगाई जाती है। इसके बावजूद भी यदि कोई शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर बयान बाजी करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाही की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button