
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए करीब 2 माह का समय शेष है ऐसे में 70 विधानसभाओं में इस बार कांग्रेस नए फॉर्मूले के साथ आगे बढ़ रही है. विधानसभा टिकट को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षक उत्तराखंड में हैं जो विधानसभा वार कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर रहे हैं और टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं की नब्ज़ और जमीन पर उनकी मजबूती की हक़ीक़त देख रहे हैं.
उत्तराखंड में कांग्रेस ने पहली बार प्रत्याशियों के चयन का यह फॉर्मूला अपनाया है. हर एक पर्यवेक्षक पर तीन-तीन विधानसभाओं की जिम्मेदारी है. यह पर्यवेक्षक विधानसभा में चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों और चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे नेताओं से बातचीत कर रहे हैं.
लोकसभा स्तर पर पांच और संगठनात्मक स्तर पर 26 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है. यह सभी पर्यवेक्षक इस समय उत्तराखंड में हैं और चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं से टिकट को लेकर रायशुमारी पर लगे हुए हैं. पर्यवेक्षकों द्वारा जल्द ही अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जानी है. जिसके बाद अंतिम निर्णय टिकट को लेकर हाईकमान लेगा.
विधानसभा सीटों पर टिकट को लेकर कांग्रेस का यह फॉर्मूला नया है. 2017 में विधानसभा चुनाव की करारी हार से सबक लेकर कांग्रेस इस बार हर कदम बड़ी सावधानी के साथ रखना चाहती है. जिन सीटों पर कांग्रेस की मजबूत दावेदारी है उनसे लेकर कमजोर सीटों तक कांग्रेस पर्यवेक्षकों के माध्यम से हर पहलुओं पर विचार विमर्श कर टिकटों का बंटवारा करना चाहती है. टिकट को लेकर पूर्व विधानसभा प्रत्याशी, सीट पर दावेदारी कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ता की अपने क्षेत्र में कितनी मजबूत पकड़ है इन सब बातों रायशुमारी की जा रही है.