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उत्तराखंड: मौसम विज्ञान केंद्र ने दी एवलॉन्च की चेतावनी, जारी किया नया अपडेट..

Uttarakhand: Meteorological Center warns of Avalanche, released new update

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक दक्षिण पश्चिम की हवाओं की दस्तक से अब तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा। इलाकों में खासकर दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के चलते न सिर्फ ग्लेशियर तेजी से पिघलेंगे, बल्कि ग्लेशियरों के टूटने और हिमस्खलन की भी पूरी संभावना है।बड़ी ख़बर: दून SSP ने चौकी इंचार्ज को किया लाइन हाजिर! इन चौकियों को मिले नए इंचार्ज

प्रदेश में मैदान से लेकर पहाड़ तक पारा चढ़ने लगा है। बुधवार को जहां राजधानी में भी दिन में गर्मी महसूस की गई। वहीं, टिहरी में पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान आठ डिग्री बढ़कर 21.4 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में 17 से 19 फरवरी के बीच तापमान में 10 से 12 डिग्री की बढ़ोतरी की संभावना है।इतना ही नहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर एवलांच की भी संभावना है। राजधानी में बुधवार को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 21.5 डिग्री दर्ज किया गया।

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मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार राज्य के पर्वतीय इलाकों में खासकर दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के चलते न सिर्फ ग्लेशियर तेजी से पिघलेंगे, बल्कि ग्लेशियरों के टूटने और हिमस्खलन की भी पूरी संभावना है। इससे नदियों का जल स्तर भी तेजी से बढ़ सकता है।उन्होंने शासन-प्रशासन से नदियों के किनारे बसे लोगों की सुरक्षा को लेकर एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है। उन्होंने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।

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मौसम के बदले मिजाज के चलते मसूरी, टिहरी, पौड़ी, लैंसडौन, मुक्तेश्वर, नैनीताल समेत तमाम पर्वतीय इलाकों में गर्मी बढ़ेगी। वहीं, दून में अगले 24 घंटे में आसमान साफ रहेगा और अधिकतम तापमान 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।

ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखाई देने लगा है। फरवरी महीने में तापमान और मौसम के मिजाज में बेहद ज्यादा बदलाव महसूस किया जा रहा है। बड़ी बात ये है कि मौसम में हो रहे बदलाव के चलते न केवल सीजन ओवरलैप हो रहे हैं, बल्कि ग्लेशियर्स पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। फिलहाल, मौसम विभाग की नई चेतावनी पर्यावरण में हो रहे बदलाव के संकेत दे रही है।

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र अगले एक हफ्ते तक मौसम शुष्क रहने का अंदेशा जता रहा है। हालांकि, 20 और 21 फरवरी को ऊंचाई वाले स्थानों पर खासकर उत्तरकाशी और चमोली जिले में हल्की बारिश की बौछार होने की संभावना है। इसके अलावा बाकी सभी 11 जिलों में बारिश न होने के आसार हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरह फरवरी महीने में तापमान बढ़ने जा रहा है। उसका बुरा असर ग्लेशियर पर भी पड़ सकता है।

दरअसल, मौसम विज्ञान केंद्र ने 18, 19 और 20 फरवरी को एवलॉन्च आने की संभावना जताई है। इससे पहले भी बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की बात वैज्ञानिक कह चुके हैं। ऐसे में जिस तरह फरवरी महीना बारिश के लिहाज से पूरी तरह से सूखा दिखाई दे रहा है। उससे बदलते मौसम की तस्वीर दिखाई दे रही है।

मौसम विभाग की मानें तो अगले एक हफ्ते तक राज्य के सभी 13 जिलों में बारिश नहीं होगी। चिंता की बात ये है कि फरवरी महीने में 30% तक कम बारिश रही है। अगले एक हफ्ते में भी बारिश के न होने से फरवरी महीने का ज्यादातर समय सूखा ही गुजरेगा। इस तरह सभी जिलों में सामान्य से भी कम बारिश होने की स्थिति बन गई है।

उत्तराखंड के इतिहास में फरवरी महीने को लेकर आकलन किया जा रहा है कि पिछले सालों में ऐसे कम मौके ही आए हैं। जब फरवरी महीना बारिश के लिहाज से इतना सूखा रहा है। जबकि, इससे पहले ही सामान्य से भी कम बारिश का औसत और भी गिरने की उम्मीद है। बहरहाल, मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी है और तापमान की करीब 4 से 5 डिग्री तक बढ़ने के साथ ग्लेशियर्स के भी प्रभावित होने की बात कही गई है। जिसके चलते आने वाले 3 दिनों में एवलॉन्च का खतरा रहेगा।

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