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इस विभाग में ट्रांसफ़र को लेकर तनातनी! तो अब CM धामी करेंगें फैसला

कुर्वे ने 2018 में बनाई गई स्थायी समिति का हवाला देकर ​कहा कि इस समिति की तबादलों की सि​फारिश पर 28 अप्रैल को ही अनुमोदन हो चुका था। कुर्वे ने दावा किया कि तबादले कानून के मुताबिक हुए हैं और इन्हें निरस्त करने से अराजकता फैलेगी।

देहरादून: उत्तराखंड के खाद्य विभाग में तबादलों को लेकर तनातनी बनी हुई है और मंत्री व कमिश्नर के बीच चल रहे इस विवाद में अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लौटने का इंतज़ार किया जा रहा है। इस इंतज़ार के बीच खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने खाद्य आयुक्त और विभाग के सचिव सचिन कुर्वे की एसीआर मंगवा ली है। मंत्री और सचिव के बीच विवाद बयानबाज़ी तक बढ़ गया है। आर्या जहां सचिव को नियमों का ज्ञान न होने की बात कह रही हैं।

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वहीं सचिव ने कहा ​है कि विभाग में अराजकता फैल सकती है। इससे पहले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर खाद्य आयुक्त सचिन कुर्वे पर सख्त कार्यवाही करने को कहा क्योंकि कुर्वे ने नैनीताल के ज़िला पूर्ति अधिकारी यानी डीएसओ मनोज बर्मन सहित 5 और डीएसओ के ट्रांसफर आदेश दे दिए थे।

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आर्या ने इन आदेशों को ‘रूल ऑफ बिज़नेस का उल्लंघन’ बताते हुए ट्रांसफर आदेश कैंसिल कर दिए थे। इसके बाद से ही मंत्री और कमिश्नर के बीच विवाद गहराता जा रहा है। आर्या ने कुर्वे से कहा था कि बर्मन को फोर्स लीव पर भेजने का आदेश निरस्त किया जाए लेकिन बजाय इसे निरस्त करने के कुर्वे ने बर्मन समेत 6 डीएसओ के तबादले कर दिए।

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मंत्री आर्या ने इसे साफ तौर पर नाफरमानी, टाइम टेबल के ​नियम का उल्लंघन बताकर यह भी कहा कि मंत्री के अनुमोदन के बगैर तबादले नहीं किए जा सकते। आर्या ने इन्हें निरस्त किया। इधर, कुर्वे ने 2018 में बनाई गई स्थायी समिति का हवाला देकर ​कहा कि इस समिति की तबादलों की सि​फारिश पर 28 अप्रैल को ही अनुमोदन हो चुका था। कुर्वे ने दावा किया कि तबादले कानून के मुताबिक हुए हैं और इन्हें निरस्त करने से अराजकता फैलेगी।

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इस मामले में एक खबर में खाद्य विभाग के ट्रांसफर एक्ट के हिसाब से तर्कों को लेकर विवेचना की गई है।इसके मुताबिक कुर्वे ने टाइम टेबल के हिसाब से तबादले नहीं किए और जल्दबाज़ी में बैठक कर इस तरह के फैसले लिये  वहीं, एक्ट के हवाले से कहा गया है कि नियम के मुताबिक इन तबादलों के लिए मंत्री के अनुमोदन की ज़रूरत नहीं होती।

बहरहाल, अब मंत्री आर्या ट्रांसफर एक्ट के उल्लंघन के तर्क पर कायम हैं और उनका कहना है कि ‘ऐसा क्या निजी स्वार्थ था, जिस वजह से कमेटी की बैठक आनन फानन में करके जिलाधिकारियों तक सिर्फ 1 घंटे में ट्रांसफर आदेश भेज दिए गए। आर्या ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को जानकारी दे दी है और अब इस मामले में धामी दिल्ली दौरे से लौटकर ही फैसला करेंगे।

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