उत्तराखंड

गौला नदी के तटबंध-चेकडैम पहली बारिश में ध्वस्त, गुणवत्ता पर उठे सवाल

 

रिपोर्ट गौरव गुप्ता।

लालकुआं। बिंदुखत्ता क्षेत्र में किसानों की जमीनों को बचाने के लिए गौला नदी किनारे बनाए गए करोड़ों रुपये के बाढ़ सुरक्षा तटबंध और चेकडैम पहली बारिश भी नहीं झेल पाए। बरसात से पहले तैयार किए गए इन तटबंधों और चेकडैम के क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय लोगों ने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

स्थानीय लोगों ने शिकायत जिला प्रशासन तक पहुंचाई, जिसके बाद जिलाधिकारी नैनीताल ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। उपजिलाधिकारी हल्द्वानी राहुल शाह ने बताया कि जांच के लिए वन विभाग, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त कमेटी बनाई जा रही है, जो मौके पर निरीक्षण कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गुणवत्ता को लेकर नाराज ग्रामीणों ने लालकुआं तहसील में प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात में गौला नदी उफान पर आती है, जिससे नदी किनारे बसे लोगों को भू-कटाव और नुकसान झेलना पड़ता है। पूर्व में कई लोगों की भूमि और घर नदी में समा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी तटबंध और चेकडैम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बाढ़ सुरक्षा के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन हल्की बारिश में ही संरचनाएं बह जाती हैं। गौरतलब है कि मानसून सीजन में गौला नदी के उफान से हल्द्वानी और लालकुआं के तटवर्ती इलाकों में हर साल भारी नुकसान होता है।

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