उत्तराखंडराजनीति

कृषि कानून वापसी को हरीश ने बताया 2024 की आहट

अहंकार की हार, लोकतंत्र की जीत: हरदा

देहरादून: गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि कानूनों को लेकर बड़ा ऐलान किया हैं. मोदी सरकार ने तीनों विवादित कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. मोदी के इस फैसले पर विपक्ष दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अहंकार से चूर सत्ता द्वारा तीन काले कानून जो किसानों का गल्ला घोंट रहे थे, उनका वापस ले लिया गया.

हरीश रावत ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि ये किसान भाइयों के संघर्ष की जीत हैं. ये उन एक हजार के करीब शहीदों की जीत हैं, जिन्होंने अपने प्राण उत्सर्ग कर दिए ताकि उनको विजय हासिल हो सके. हरीश रावत ने सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेना किसानों की अभूतपूर्व जीत बताई है, जिसके लिए उन्होंने किसानों को बधाई दी है. उन्होंने इसे लोकतंत्र की विजय मना है, क्योंकि सत्ता का अहंकार जनता के संघर्ष के सामने झुका है.

हरीश रावत ने भी सरकार की नीयत पर सवाल उठाया और कहा कि ये किसान नेताओं को भी डर सता रहा है कि चुनाव के बाद कहीं ये फिर से कानून न ले आएं. जब तक संसद इसे रिजेक्ट नहीं करती है, ताकि भविष्य में इसे किसानों पर थोपा न जा सके. उन्होंने कहा कि यूपी ही नहीं सब जगह विपक्ष जीतेगा. ये 2024 की आहट है. इस पीएम मोदी का मास्टस्ट्रोक कहने वालों पर भी हरदा ने जवाब दिया.

बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार सुबह 9 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेना का एलान किया था. उन्होंने कहा कि सरकार ये कानून काश्तकारों के हित में नेक नीयत से ये कानून लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे.

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे. बातचीत भी होती रही, कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई थी. साथियों आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नहीं हैं. मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. इसी महीने हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे.

बता दें कि सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे. अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे.

 

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