उत्तराखंड

राजनैतिक दलों की बेरूखी पर भारी पड़ेगीNPS कार्मिकों की बैलेट की चोट

देहरादून से सुभानी की रिपोर्ट : राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे के नेतृत्व में कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली पर निष्क्रियता के विरोध में 7 नवम्बर को देहरादून में परेड ग्राउंड से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक रैली का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेशभर से हजारों कार्मिक हिस्सा लेंगे। कार्मिकों ने इस मामले में सरकार पर ढीला रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF), उत्तराखंड के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला ने बताया कि यह विषय राज्य सरकार का है यह सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है तो इसके बाद क्या वजह है जो सरकार की ओर से इस विषय पर कोई निर्णय नही किया जा रहा। कार्मिकों ने सभी विनम्र निवेदनों, सोशल मीडिया, ट्विटर, पोस्ट कार्ड हर माध्यम से सरकार को अपनी समस्या से विगत काफी लंबे समय से अवगत कराया है। परंतु सरकार की उदासीनता कार्मिकों के गुस्से को बढाने का काम कर रही है। कार्मिकों से निवेदन है कि सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएं और 7 नवम्बर चेतावनी रैली को सफल बनायें।

आगे डॉ० पसबोला ने जानकारी देते हुए बताया कि एनपीएस के विरोध में दे भर के सरकारी अधिकारी/कर्मचारी आंदोलरत हैं और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली की प्रभावी पैरवी हो रही है।

इसी का परिणाम है कि राज्य में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग की अनुसना करना 2022 के आगामी विधानसभा चुनावों में वर्तमान सत्तारुढ़ पार्टी की सरकार के साथ-साथ विपक्ष को भी भारी पड़ सकता है। इस मुददे को पत्रों और आश्वसनों से दबाने के प्रयास अब सफल नहीं होंगे। ये मामला आम जनता में इस तरह से पहुंच गया है कि नेता स्वयं तो पेंशन लेते हैं और कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी है।

सत्ता पक्ष पर इस पर सकारात्मक निर्णय लेने का अच्छा दबाव बन गया है। जबकि विपक्ष भी इस मांग के साथ समर्थन में उतर आया है। सात नवंबर को राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बैनर तले देहरादून में चेतावनी रैली प्रस्तावित है।

इस विशाल रैली को लेकर सभी विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों में गजब का उत्साह है। चेतावनी रैली 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश होगा।

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