
ब्यूरो रिपोर्ट :पहाड़ी आर्मी के संयोजक हरीश रावत ने मीडिया में जारी में बयान में कहा की उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में सरकार ने एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट सेंटर ख़ोलने की घोषणा की है। और जल्द ही उधमसिंहनगर नगर में सेंटर के लिए जमीन ढूंढने का काम शुरू किया जाएगा।
मगर पिछले लंबे समय से पहाड़ी जिलों के मध्य एम्स खोले जाने को लेकर सोशल मीडिया और अन्य विभिन्न संगठनों के द्वारा मांग उठाई जा रही है। पहाड़ की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है एम्स के बनने से सुधार की संभावनाओं की आस देख रही है सरकार ने एम्स मैदानी क्षेत्र उधम सिंह नगर जिले में ख़ोलने की घोषणा की है।
इस घोषणा के बाद पहाड़ की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है हरीश रावत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हमेशा पहाड़वासियो के संघर्ष का फल मैदानी क्षेत्र को दे दिया और पहाड़ की जनता सुविधाओं से वंचित कर पलायन करने के लिए मजबूर किया जाता है लगता है यह सरकार की पलायन कराने की गुप्त नीति है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ में एम्स की नितांत आवश्यकता है जिस तरह बिहार और जम्मू कश्मीर में दो दो एम्स खुलें है उसी तर्ज में उत्तराखंड में भी जनता के अपेक्षाओं के अनुरूप एक और एम्स खोला जाए। उन्होंने कहा कि पहाड़ के सुदूरवर्ती इलाकों से एम्स दिल्ली और एम्स ऋषिकेश समान दूरी पर हैं लिहाजा पहाड़ की जनता की जायज मांग की सरकार ने अनदेखी की है। जबकि उधमसिंहनगर में मेडिकल कालेज बन रहा है।
वहां स्वास्थ्य सुविधायें पहाड़ के अपेक्षा बहुत अच्छी है। यह क्षेत्र ट्रेन लाइन ,एयर लाइन से कनेक्टेड है सरकार का उधम सिंह नगर में सेटेलाइट केंद्र खोलना चुनावी स्ट्रन्ट है क्योंकि इस जिले में 9 विधानसभाएं है। वोटरो को लुभाने के लिए चुनाव के समय यह घोषणा की गई है मगर इस नीति का खामियाजा पहाड़ी जिलों को झेलना पड़ रहा है जो पहाड़ की जनता के साथ छलावा है।