पूर्व CM त्रिवेंद्र की केदारनाथ में नो एंट्री! तीर्थ पुरोहितों ने लौटाया वापस

रुद्रप्रयाग: देवस्थाम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हकूकधारियों के आंदोलन ने उग्र रूप से ले लिया है। देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में रोष है। इसी क्रम में सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया।
इस बीच केदारनाथ धाम पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को तीर्थ पुरोहितों के विरोध का सामना करना पड़ा। तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम पुल पर रोका और धक्का देकर लौटा दिया। त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया गया। तीर्थपुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की और उनका जमकर विरोध किया। जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत जीएमवीएन गेस्ट हाउस में चले गए।
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि राज्य सरकार ने दो महीने का समय मांगा था लेकिन सरकार वादाखिलाफी कर रही है. देवस्थानम बोर्ड पर कोई फैसला ना आने से तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से तीर्थ पुरोहितों की वार्ता चल रही है।
हर साल धामों में करोड़ों रुपए का चढ़ावा चढ़ता है। ऐसे में अब इस चढ़ावे का पूरा हिसाब-किताब रखा जाएगा। यानी जो चढ़ावा चढ़ता है उसकी बंदरबांट नहीं हो पाएगी। इसके चलते भी तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी बोर्ड का विरोध कर रहे हैं।
खास बात ये रही कि सोमवार को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। उन्हें भी तीर्थ पुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा, हालांकि उन्होंने धाम में दर्शन किए।