
तालिबान के हैरान कर देने वाले फैसले तो आप लगातार सुनते आ रहे हैं। कभी यह फैसले महिलाओं के काम करने पर रोक को लेकर होते हैं। तो कभी इनमें लड़कियों के प्रति मानवीय प्रतिबंध तथा दुराचार की बू आती है।
कभी इन फैसलों से तालिबान की आतंकी मानसिकता उद्घाटित होती है, तो कभी उसके फैसले उसके धार्मिक संकीर्णता की झलक दिखाने लगते हैं। इसी तरह के एक और फैसला तालिबानी सरकार ने लिया है जो पूरी दुनिया के लिए आश्चर्य का विषय बन गया है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान का असली चेहरा धीरे-धीरे सामने आ रहा है, तालिबानियों ने पिछले 20 साल के दौरान हासिल की गई डिग्रियों को बेकार घोषित कर दिया है।
अफगानिस्तान को उच्च शिक्षा मंत्री ने काबली यूनिवर्सिटी में एक मीटिंग के दौरान, यह घोषणा की कि पिछले 20 साल में ग्रेजुएट हुए हजारों युवा उसके किसी काम के नहीं है। कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा, कि अब ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों को मूल्यों की शिक्षा दे सकें।
सबसे आश्चर्य की बात यह है, कि मूल्यपरक शिक्षा की बात करते हुए कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने धार्मिक अध्ययन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक अध्ययन के मास्टर्स और पीएचडी धारक भी उन लोगों की तुलना में कम मूल्यवान है। जिन्होंने मदरसों से पढ़ाई की है।
आपको ज्ञात होगा, कि अमेरिका पर 2001 में हुए हमले के बाद अमेरिका ने तालिबान को उखाड़ फेंका था जो अब फिर से सत्ता पर काबिज हो गया है।