Exclusive: जानिए रानीपोखरी ब्रिज के नीचे चल रहे ‘स्पोर्ट्स’ का पूरा सच
एक्सक्लूसिव: जानिए रानीपोखरी पुल के नीचे चल रहे ‘खेल’ का पूरा सच! तस्वीरें कर रही बयां
डोईवाला से जावेद हुसैन की रिपोर्ट: रानीपोखरी मेें टूटे इस पुल को लेकर ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जो साफ बयां कर रही है। रानी पोखरी में पुल गिरने का मुख्य कारण पुल के निचले हिस्से में एंबेकमेंट ना बनाए जाने का कारण रहा है। स्ट्रक्चरल इंजीनियर मुगीस अहमद ने बताया कि अनियोजित तरीके से खनन करने से पुल के नीचे की मिट्टी का बह जाना पुल के नीचे गिरने का कारण बना है।
गौरतलब है कि पुल से करीब 200 मीटर नीचे खनन का पट्टा सरकार द्वारा दिया गया था जहां खनन करने के दौरान बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे नदी में पानी लगातार आने से पुल से नीचे की मिट्टी और बजरी बहती गई और वह खनन किए गए गड्ढों में भर गई जिससे जमीन का लेवल पुल से नीचे लगातार नीचे होता चला गया जिस कारण पुल के नीचे की मिट्टी पानी के साथ बहती रही और पुल नीचे से खोखला हो गया।
इसी दौरान पुल के फाउंडेशन/नींव के नीचे की मिट्टी निकल जाने से पुल का पहले एक ब्लॉक गिर गया और लगातार पानी आने से उनके फाउंडेशन/नींव की नीचे की मिट्टी निकल जाने के बाद फुल के तीन और ब्लॉक नीचे गिर गए। विशेषज्ञ इसका मुख्य कारण पुल के नजदीक नीचे की ओर खनन का होना बता रहे हैं।
स्ट्रक्चरल इंजीनियर मुगीस अहमद ने बताया कि पुल के फाउंडेशन/नींव के नीचे की मिट्टी को परिमार्जन (स्कोयूरिंग) से रोकने के लिए पुल के निचले सिरे की तरफ एंबेकमेंट/प्रोटेक्शन बनाया जाना चाहिए था जो पुल के नींव को स्टेबिलिटी स्थिर रख पाता। इस कटाव का पता पहले ही चल जाता है सरकार को समय रहते बाढ़ नियंत्रण के कार्य के अंतर्गत फाउंडेशन के नीचे के बेड को स्टेटस स्थिर और मजबूत रखने के लिए कार्य करने चाहिए थे।
बता दें कि 27 अगस्त यानी शुक्रवार को देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी में पुल का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया था। जब पुल गिरा उस समय उसके ऊपर वाहन दौड़ रहे थे। पुल का जो हिस्सा टूटा वहां कुछ वाहन फंस गए और कुछ पलट गए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री धामी ने पुल टूटने की जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही डोईवाला से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पुल ध्वस्त होने की घटना पर दुख जताया है।
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