
धर्मपाल वर्मा । चण्डीगढ़
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने हरियाणा में संगठन को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण टास्क को पूरा कर लिया है। पार्टी ने राजनीतिक कौशल का परिचय देते हुए सीएलपी के लीडर के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ही मौका देने के व्यवहारिक फैसले पर अपनी मोहर लगाई तो राव नरेंद्र सिंह को पार्टी का हरियाणा का नेतृत्व सौंप कर न केवल जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है बल्कि विशेषज्ञ नए अध्यक्ष को भले आदमी की संज्ञा देकर इस फैसले को जस्टिफाई भी कर रहे हैं।
पार्टी ने इस मामले में बैलेंस बनाने की व्यवहारिक कोशिश भी की है जिसके अच्छे परिणाम निकट भविष्य में सामने आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि अब पार्टी हरियाणा में एक नया काम और करने जा रही है वह है महिला कांग्रेस की नई अध्यक्ष बनाने का।
इस मामले में खबर यह है कि पार्टी मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुधा भारद्वाज की जगह किसी और को मौका देने का मन बना चुकी है। ऐसे में ब्राह्मण की जगह ब्राह्मण या फिर निर्वतमान दलित प्रदेश अध्यक्ष की जगह दलित महिला प्रदेश अध्यक्ष को आगे लाने की हालात बना रहे हैं।
इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नई महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जाट हो ।
ऐसे में ब्राह्मण की जगह ब्राह्मण प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात आती है तो हरियाणा में एक नाम सर्वाधिक चर्चा में है वह है बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र की नेत्री पराग शर्मा का।
पराग शर्मा।
पराग शर्मा को हरियाणा महिला कांग्रेस अध्यक्ष की उपयुक्त उम्मीदवार इसलिए माना जाता है कि न केवल उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक है बल्कि कांग्रेस हाई कमान में उनका हस्तक्षेप भी निर्णायक है। इनके पिता योगेश शर्मा बल्लभगढ़ के विधायक रहे हैं। पार्टी के कई बड़े नेता पराग शर्मा के पक्षधर हैं इस बात की पुष्टि उस समय भी हो गई थी जब उन्हें अप्रत्याशित तरीके से बल्लभगढ़ से विधानसभा का टिकट मिला।
कांग्रेस में पराग शर्मा को महिला कांग्रेस की मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। तात्पर्य यह है कि पराग शर्मा हरियाणा में महिला कांग्रेस हरियाणा की अध्यक्ष बनाई जा सकती हैं। लेकिन उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इसके लिए कोई दावेदारी नहीं कर रही हैं बल्कि अपने हलके पर ध्यान केंद्रित करके चल रही हैं ।लेकिन उन्होंने यह कहकर कई सवालों का जवाब दे दिया कि जरूरत पड़ने पर वह पार्टी के लिए दरी बिछाने को भी तैयार हैं। मतलब पार्टी का हर आदेश सिर माथे।
आपको बता दें कि यदि कांग्रेस हरियाणा महिला कांग्रेस की बागडोर किसी दलित महिला को देना चाहेगी तो इस मामले में पार्टी के नेता पटौदी विधानसभा क्षेत्र से काम कर रही सुनीता वर्मा का भी नाम आगे कर सकते हैं। वर्मा महेंद्रगढ़ जिला परिषद की सदस्य हैं लेकिन अब से परिवार पटौदी में ही निवास करती हैं। मध्य मार्गी होने और हाई कमान में अपेक्षित हस्तक्षेप को देखते हुए उन्हें इस पद की प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। उनके परिवार के नए प्रदेश अध्यक्ष सहित पार्टी के कई बड़े नेताओं से अच्छी अंडरस्टैंडिंग बताई गई है। उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने में एक बाधा यह आ सकती है वह है क्षेत्र की।
सुनीता वर्मा।
आप समझ सकते हैं कि इस समय हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नीशीत कटारिया ,एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आदि नेता दक्षिणी हरियाणा और अहीरवाल क्षेत्र से संबंधित हैं। ऐसे में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी इसी क्षेत्र से बना दी जाए तो इसे अव्यवहारिक कहा जाएगा। लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष इस मामले में दलित महिला को ही अध्यक्ष बनाने की चेष्टा करते नजर आए तो उनकी पहली पसंद सुनीता वर्मा ही हो सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है।
डॉ मनीषा सांगवान।
हरियाणा महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद की तीसरी मजबूत उम्मीदवार एक जाट नेत्री हैं। नाम है मनीष डॉ मनीषा सांगवान। सांगवान ने भी 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चरखी दादरी से चुनाव लड़ा था। अच्छे मत प्राप्त करके भी वह जीत हासिल नहीं कर पाई लेकिन उन्हें उनकी पहचान मेहनत और हाई कमान में हस्तक्षेप को देखते हुए महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विधायक दल के नेता बनने के बाद बेशक जाट को महिला कांग्रेस की बागडोर देने की संभावनाएं कम है लेकिन इन परिस्थितियों में भी डॉ मनीषा सांगवान मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखी जा रही हैं।
जाट उम्मीदवारों में एक उपयुक्त उम्मीदवार किरण मलिक भी हैं। इनका ताल्लुक हांसी क्षेत्र से है। जातीय समीकरणों की दृष्टि से किरण मलिक के नाम पर बेशक विचार ना हो लेकिन क्षेत्रीय अपेक्षा, आक्रामकता और व्यवहार कुशलता इनके काम आ सकती है। इन्हें देहात की प्रतिनिधि के रूप में भी अधिमान मिल सकता है।
राजनीतिक सोच वाले हिसार क्षेत्र को प्रतिनिधित्व देने के नाम पर भी किरण मलिक उपयुक्त उम्मीदवार हो सकती हैं।
इन सब के अलावा उत्तर हरियाणा या जीटी रोड बेल्ट से ताल्लुक रखने वाली किसी प्रगतिशील महिला नेत्री को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। पार्टी एक महीने के अंदर हरियाणा महिला कांग्रेस की नई अध्यक्ष का फैसला करने वाली है।