उत्तराखंड

संत के अवैध निर्माण पर कार्रवाई, गंगा किनारे अवैध रूप से बन रहे फ्लैट कब होंगे सील?

संत के अवैध निर्माण पर कार्रवाई, गंगा किनारे अवैध रूप से बन रहे फ्लैट कब होंगे सील?

हरिद्वार। विगत कई महीनो से हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण अवैध कॉलोनीयों एवं अवैध निर्माणों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम में कुछ दिन पूर्व श्यामपुर गाजी वाले स्थित एक संत के अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए विभाग द्वारा उसे सील कर दिया गया था। लेकिन हैरत की बात यह है कि संत के इस अवैध निर्माण से कुछ ही दूरी पर गंगा किनारे बड़े-बड़े कमर्शियल फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है। एनजीटी के नियमों के अनुसार गंगा की परिधि के दायरे में कोई भी व्यावसायिक निर्माण नहीं किया जा सकता है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण भी यहां आबादी विकसित नहीं की जा सकती है। लेकिन बिल्डरों की ऊंची पहुंच एवं प्राधिकरण के अधिकारियों की उदासीनता के चलते इन व्यवसायिक निर्माणों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही नहीं फेसबुक, यूट्यूब एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से इन फ्लैट्स का जोर-जोर से प्रचार किया जा रहा है। ताकि बाहरी लोगों को इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा वसूला जा सके।

हैरानी की बात यह है कि छोटे से छोटे अवैध निर्माणों को सील करने वाला प्राधिकरण इन बड़े बिल्डरों पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। कैसे गंगा किनारे ग्राम समाज की भूमि पर अवैध रूप से कालोनियां और सोसायटी विकसित की जा रही है। कुछ समय पूर्व बोर्ड की बैठक में भी शिवालिक नगर, श्रवणनाथ नगर एवं भूपतवाला को तो नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया गया लेकिन किसी अधिकारी की नजर श्यामपुर क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर नहीं गई यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है।

स्थानीय ग्राम प्रधान द्वारा भी इन प्रोजेक्टो की शिकायत विकास प्राधिकरण से लेकर जिलाधिकारी तक को की गई थी। साथ ही दिल्ली निवासी एक व्यक्ति द्वारा भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फ्लैट्स बुकिंग के नाम पर अपने साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर बिल्डर के खिलाफ कई बड़े अधिकारी, विकास प्राधिकरण एवं प्रधानमंत्री तक को शिकायत भेजी गई थी। देखना होगा कि प्राधिकरण इन बिल्डरों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर इन बिल्डरों की मनमानी ऐसे ही चलती रहेगी।

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