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अपने बयानों में घिरने के बाद सियासत के निशाने पर आए मंत्री सतपाल

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देहरादून:- केदारनाथ धाम में सेल्फी पॉइंट को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अपने बयानों में ही घिरने के बाद सियासत के निशाने पर भी आ गए हैं। 2020 में दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर सेल्फी पॉइंट बनाए जाने की बात को बदलकर उन्होंने देश के पहले सीडीएस रहे बिपिन रावत की तस्वीरों वाले पॉइंट बनाए जाने की बात कही, लेकिन विपक्षी कांग्रेस ने तो विरोध किया ही, महाराज को अपनी ही पार्टी और सरकार से भी समर्थन नहीं मिला। भाजपाई नेता भी इस योजना का विरोध कर रहे हैं।

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सतपाल महाराज अपने उस बयान में घिर गए, जिसमें उन्होंने केदारनाथ धाम में सुशांत की तस्वीरें लगाकर सेल्फी पॉइंट्स बनाने की बात कही थी। विरोध हुआ तो महाराज ने कहा कि सुशांत की जगह दिवंगत जनरल बिपिन रावत के चित्र लगाए जाएंगे ताकि पर्यटक वहां तस्वीरें खिंचवा सकें। लेकिन कांग्रेस ही नहीं, बल्कि भाजपा नेता भी इस विचार के खिलाफ एक सुर में खड़े दिख रहे हैं और कह रहे हैं कि केदारनाथ धाम में किसी और व्यक्ति के नाम पर प्रमोशन नहीं होना चाहिए। सूूत्र

उत्तराखंड की भाजपा सरकार के मंत्री गणेश जोशी ने ऐसी किसी योजना से इनकार करते हुए कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री या पार्टी ने कोई बयान नहीं दिया है। वहीं, भाजपा के विधायक दिलीप रावत ने कहा कि धाम में बाबा केदार या सनातन धर्म के किसी प्रतीक के अलावा किसी और व्यक्ति को आस्था के प्रतीक के तौर पर प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए।

पहले भी हो चुके हैं विवाद!
2018 में मंदिर परिसर में लेजर शो को लेकर काफी बहस हुई थी
2018 में ही फिल्म ‘केदारनाथ’ को लेकर हंगामा हुआ. सुशांत और एक्ट्रेस सारा अली खान का विरोध यहां किया गया।
2019 में यूट्यूबर रिया के वायरल वीडियो को लेकर बवाल खड़ा हुआ था।
2022 यानी इसी यात्रा सीज़न में एक और यूट्यूबर द्वारा अपने कुत्ते से पूजा करवाना विवाद का विषय बना हुआ है।
अब इसी यात्रा सीज़न में सतपाल महाराज के सेल्फी पॉइंट वाले बयान पर बहस छिड़ रही है।

इस मामले में प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने केदारनाथ को पिकनिक स्पॉट बनाने की कोशिश बताकर महाराज के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ज्योतिर्लिंग को आस्था का नहीं बल्कि चर्चाओं का केंद्र बनाने की कोशिश कर रही है।

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