उत्तराखंडराजनीति

पांचवीं उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र कई मायनों में रहेगा अहम

देहरादून: पांचवीं उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से 31 मार्च तक चलेगा। उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से शुरू होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बठैक में विधानसभा सत्र के प्रस्ताव पर महुर लगी। सत्र तीन दिन चालेगा।

बुहस्पतिवार को विधानसभा भवन में आयोजित मंत्रिमंडल की बठैक में विधायी विभाग सत्र आहूत करने का प्रस्ताव रखा। पहले सत्र सोमवार 28 मार्च से होने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन राष्ट्रपति के संभावित दौरे को देखते हुए सत्र 29 मार्च से करने का निर्णय लिया गया।

जून या जुलाई में आएगा बजट: सरकार 2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव जून-जुलाई में लाएगी। तब तक वह लेखानुदान से खर्च करेगी।

चार माह के लिए लेखानुमान पेश होगा: विधानसभा के पहले सत्र में प्रदेश सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरूवाती चार महीने के लिए लेखानुसार लेकर आएगी। कैबिनेट की बैठक में वित्त विभाग के इस प्र्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सूत्रों के मुताबिक, चार महीने के लेखानुसार के तहत 20 से 21 करोड़ रूपये के प्रवाधन का अनुमान है।

सत्र में सरकार नए वित्तीय वर्ष के शुरूआती चार महीनों के लिए लेखानुदान लाने जा रही है। उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यकाल से मिली जानकारी के मुताबिक पांचवीं उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से 31 मार्च तक चलेगा। पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में विधानसभा सत्र आहूत करने का निर्णय लिया गया था।

मंत्रिमंडल के फैसलों को मुख्यमंत्री धामी ने ब्रीफ किया था। उन्होंने बताया कि नया वित्तीय वर्ष 2022-23 एक अप्रैल से प्रारंभ होगा। नए वित्तीय वर्ष में राज्य के खर्च के लिए बजट को विधानसभा से अनुमोदन मिलना आवश्यक है। कम समय देखते हुए मंत्रिमंडल ने पूर्ण बजट के स्थान पर चार माह के लिए लेखानुदान लाने का निर्णय लिया। विधानसभा सत्र में लेखानुदान पर मुहर लगाई जाएगी।

बता दें कि गुरुवार को पूर्व सीएम भुवनचंद्र खंडूरी की बेटी ने ऋतु खंडूरी ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामाकंन किया था। ऋतु खंडूरी का स्पीकर बनना लगभग तय हो गया है। ऋतु खंडूरी प्रदेश की पहली महिला विधानसभा स्पीकर होंगी। 26 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष का विधिवत निर्वाचन होगा।उत्तराखंड में बीजेपी के पास दो तिहाई बहुमत है ऐसे में उनके निर्वाचन में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है।

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