उत्तराखंड

लालकुआँ में अवैध खनन का तांडव, कृष्णा स्टोन क्रेशर बना पर्यावरण विनाश का अड्डा

लालकुआँ में अवैध खनन का तांडव।

कृष्णा स्टोन क्रेशर बना पर्यावरण विनाश का अड्डा, जिम्मेदार मौन।

रिपोर्टर गौरव गुप्ता।

लालकुआँ-कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत गुरु फार्म स्थित कृष्णा स्टोन क्रेशर में अवैध उपखनन और पर्यावरण नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि जिम्मेदार विभागों की लापरवाही और कथित संरक्षण का लाभ उठाते हुए क्रेशर प्रबंधन द्वारा परिसर में विशालकाय गड्ढे खोदकर भारी मात्रा में उपखनिज निकाला जा रहा है और उसे अवैध रूप से बाजार में खपाया जा रहा है।

 

बताते चले कि शासन-प्रशासन जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण और अवैध खनन पर सख्ती के बड़े-बड़े दावे कर रहा है, वहीं जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। मानकों की अनदेखी करते हुए की जा रही बेतरतीब खुदाई से क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे भविष्य में भू-धंसाव जैसी गंभीर घटनाओं का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

क्रेशर में पत्थरों की पिसाई के दौरान उड़ने वाली महीन धूल आसपास के गांवों में धुंध की तरह फैल जाती है। इससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, क्रेशर मशीनों से लगातार होने वाला तेज ध्वनि प्रदूषण ग्रामीणों की दिनचर्या और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रहा है।

इधर स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन यह क्षेत्र अब अवैध खनन का गढ़ बनता जा रहा है। ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है और वे प्रशासन से तत्काल छापेमारी कर क्रेशर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

यदि समय रहते जिम्मेदार विभागों ने आंखें नहीं खोलीं तो अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी, बल्कि क्षेत्र की कानून-व्यवस्था और जनस्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ना तय है। अब देखना यह है कि प्रशासन अपने दावों पर खरा उतरते हुए कब और कैसी कार्रवाई करता है।

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