घनी आबादी में हाथियों का आतंक: हल्दूचौड़ में घर-फसलें तबाह

हल्दूचौड़ में हाथियों का कहर, दुर्गापाल बोले” घनी आबादी में वन्यजीवों की आवाजाही बेहद, संवेदनशील,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जाने वाली सड़क में मचाया उत्पात,घर की दीवार तोड़ी, फसलें रौंदी ग्रामीणों में दहशत, स्थायी समाधान की मांग।
रिपोर्टर गौरव गुप्ता।
लालकुआँ हल्दूचौड़ क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक अब चिंता का बड़ा कारण बनता जा रहा है। पेशकारपुर, बच्चीधर्मा और गोपीपुरम सहित कई गांवों में हाथियों की लगातार घुसपैठ से ग्रामीण दहशत में हैं।शनिवार प्रातः घनी आवादी वाले पेशकारपुर गांव में हाथियों के तांडव की सूचना पर मौके पर पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि “घनी आबादी के बीच वन्यजीवों की आवाजाही बेहद संवेदनशील है, इस पर प्रभावी और ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।” उन्होंने वन विभाग तमाम जिम्मेदार अधिकारियों से दूरभाष पर बात कर हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के लिए तुरंत ठोस कार्ययोजना लागू करने की मांग की।
शनिवार तड़के करीब पांच बजे पेशकारपुर में हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। उग्र हाथियों ने किसान एनडी शर्मा समेत तमाम किसानों की फसलों को रौंद डाला और घर की दीवार भी तोड़ दी। अचानक हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी इतने आक्रामक थे कि लोगों को देखते ही उनकी ओर दौड़ पड़ते थे, जिससे जान-माल का गंभीर खतरा बना रहा।
बताया जा रहा है कि तराई के जंगलों में इन दिनों हाथियों की सक्रियता बढ़ी हुई है। जंगलों से निकलकर हाथी लगातार आबादी वाले इलाकों का रुख कर रहे हैं। गौला रेंज अंतर्गत हल्दूचौड़ क्षेत्र में बीते कई दिनों से हाथियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सुबह होने पर ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी, जिस पर विभाग ने नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
पीड़ित किसानों का कहना है कि हाथी कॉरिडोर बाधित होने के कारण हाथी गांवों की ओर आ रहे हैं, जिससे फसलें और मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र में नियमित गश्त बढ़ाने, हाथियों को आबादी से दूर रखने के लिए प्रभावी इंतजाम करने और शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।



