उत्तराखंड

4000 करोड़ की 98.5 एकड़ जमीन का रिकॉर्ड 23 साल से गायब! अभिनव थापर ने की तत्काल FIR की मांग

देहरादून। 07 दिसंबर 2025

सिडकुल, IT Park देहरादून में 4000 करोड़ की 98.5 एकड़ सरकारी भूमि आवंटन के संभावित घोटाले की ” ग़ायब फ़ाइल ” पर तत्काल FIR दर्ज कर उच्चस्तरीय जांच हो ! – अभिनव थापर

27 नवंबर 2025 को कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में आयोजित अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता अभिनव थापर ने सिडकुल IT पार्क देहरादून की 98.5 एकड़ सरकारी भूमि, जिसकी बाजार मूल्य ₹4,000 करोड़ से अधिक है, के आवंटन में भारी अनियमितताओं और रिकॉर्ड के गायब होने के मामले को उजागर किया था। यह प्रकरण उत्तराखंड के इतिहास के सबसे बड़े संभावित भूमि घोटालों में से एक के रूप में सामने आ रहा है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता अभिनव थापर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक अगले दिन, 28 नवंबर 2025, सिडकुल प्रशासन ने “दस्तावेज़ उपलब्ध कराने” के नाम पर सिर्फ 2 पन्नों की नोटशीट दी—और वह भी सिर्फ 04.10.2002 तक की। वर्ष 2002 से वर्ष 2025 तक के सभी नोटशीट, निर्णय, अनुमोदन, आवंटन प्रक्रिया और फाइल मूवमेंट का पूरा रिकॉर्ड गायब है। यह स्थिति गहरी साजिश, रिकॉर्ड दबाने और करोड़ों की सरकारी भूमि से जुड़े दस्तावेज़ों को जानबूझकर मिटाने जैसे गंभीर अपराध की ओर संकेत करती है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य सूचना आयुक्त के अंतिम आदेश (दिनांक 16 सितंबर 2025) में स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि— “आंवटन प्रकिया फाइल की संपूर्ण प्रमाणित प्रति आवेदक को उपलब्ध कराई जाए।” इसके बावजूद आजतक पूरी फाइल की एक भी कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई, और 23 वर्षों का अत्यंत गंभीर सरकारी रिकॉर्ड आज भी गायब है। यह सूचना आयुक्त के आदेशों की खुली अवमानना है और सरकारी तंत्र में गहरे स्तर पर भ्रष्टाचार और फाइल छिपाने की आशंका को और मजबूत करती है।

इन्हीं चिंताजनक तथ्यों के आधार पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता अभिनव थापर ने मुख्यमंत्री, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव और सिडकुल MD को 03 दिसंबर 2025 को भेजे गए अपने पत्र में तत्काल FIR दर्ज कर, फाइल पुनर्निर्माण और उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि कांग्रेस इस मामले को किसी भी तरह दबने नहीं देगी। उन्होंने कहा—“ 98.5 एकड़ सरकारी भूमि जनता की अमानत है जिसकी वर्तमान बाजार मूल्य लगभग ₹4,000 करोड़ है। फाइलें गायब होना, सूचना आयुक्त आदेशों की अवहेलना करना और रिकॉर्ड छिपाना एक बडे घोटाले का स्पष्ट संकेत देता है। सिडकुल को तत्काल FIR दर्ज कर, फाइल पुनर्निर्माण और उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच करवाकर जनता के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, यह भ्रष्टाचार का गंभीर विषय है । ”

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