प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर राव नरेंद्र की राह में भी रोड़े अटकाने की कोशिश !

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सवाल पर राव नरेंद्र की राह में भी रोड़े अटकाने की कोशिश !
अक्टूबर में ही मिल पाएगी चिट्ठी!
अब हुई तीसरे राव की भी एंट्री!
धर्मपाल वर्मा
चण्डीगढ़।
राजनीति में कई बार किसी भी काम का अटक जाना ,लटक जाना स्थितियों को बदल भी देता है इसीलिए राजनीति में आर पार का फैसला लेना ही आमतौर पर सार्थक सिद्ध होता है। देश के कई सफल नेताओं की इस तरह की कार्य शैली ने उनकी पहचान भी बनाई है।
संगठन बनाने में देरी को लेकर हरियाणा में कांग्रेस विरोधियों की भी आलोचना का शिकार होती आ रही थी । अभी कुछ दिन पहले पार्टी ने हरियाणा में अपने नए जिला अध्यक्ष बनाने का काम पूरा किया है अब प्रदेश अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया प्रगति पर है और पूर्व मंत्री राव नरेंद्र के अध्यक्ष बनने के आसार बन रहे हैं परंतु पता चला है कि कांग्रेस का एक महत्वपूर्ण पावर सेंटर उनकी इस ताजपोशी को रोकने की चेष्टा में लग गया है। जबकि पहले इनमें परस्पर सहमति बताई जा रही थी।
राव नरेंद्र ; देखते हैं पाले को हाथ लगता है या नहीं।
मामला तब सामने आया जब इन नेताओं ने राव नरेंद्र में कमियां गिनानी शुरू कर दी । खबर यह भी है कि यह चीजें हाई कमान के समक्ष प्रस्तुत करने की कोशिश भी तेज कर दी गई है। राव नरेंद्र के विरुद्ध कुछ उन मामलों को उजागर करने की कोशिश है जिनका ताल्लुक उस समय से है जब वह मंत्री होते थे।
बेशक ऐसे कुछ नेता राव के खिलाफ हैं और एक दूसरे राव को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं के पसंदीदा हरियाणा के कांग्रेस के शेष नेता उनके पक्ष में बताए गए हैं।
पता चला है कि पिछले दिनों हरियाणा के एक बड़े नेता ने यह कोशिश की थी कि वह इस दावेदारी से पीछे हट जाएं परंतु राव टस से मस नहीं हुए। क्योंकि उनकी एक नाराजगी यह थी कि वह विधानसभा के चुनाव में मंडी अटेली से टिकट चाहते थे लेकिन उनकी इच्छा के विरुद्ध इसी नेता ने उन्हें नारनौल से चुनाव लड़ा दिया और वह चुनाव हार गए और यह एक षड्यंत्र के तहत हुआ।
राव नरेंद्र के समर्थक इस बात का दावा कर रहे हैं कि 25 सितंबर तक प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी लीडर का नाम तय कर लिया जाएगा परंतु बताया जा रहा है कि कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद बाहर गए हैं जिनके 30 सितंबर को दिल्ली लौटने की सूचना हैं और उनके आने के बाद ही पत्र जारी हो पाएगा। अब देखना यह है कि राव नरेंद्र की किस्मत जोर कर रही है या दो राव साहबों की लड़ाई में किसी तीसरे की भी लॉटरी लग सकती है।
और आगे बढ़े और इस मामले में नई प्रगति की बात करें तो यह सूचना सामने आई है कि अब अहीरवाल के कांग्रेस के एक और बड़े नेता कैप्टन अजय यादव भी इस दौड़ में आक्रामक तरीके से आगे आ खड़े हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यादव के रिश्तेदार बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव इसके लिए राहुल गांधी को मनाने की चेष्टा कर रहे हैं। सब जानते हैं कि कैप्टन अजय यादव के पुत्र चिरंजीवी राव राजद के नेता लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं।
कैप्टन अजय यादव, दो यादवों की लड़ाई में तेज की दावेदारी।
कुछ लोगों का दावा है कि यह प्रगति अंतिम दौर में है। कैप्टन अजय यादव का कमजोर पक्ष यही है कि वह अब उम्र दराज हो चुके हैं। वह 66 वर्ष के हैं ।परंतु यादव को इस बात का लाभ भी मिल सकता है कि वह कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन रहे हैं और हरियाणा के कांग्रेस विचारधारा के सभी ओबीसी नेता उनके सीधे संपर्क में हैं।
एक बात साफ नजर आ रही है कि यदि भूपेंद्र सिंह हुड्डा आशाओं के अनुरूप विधायक दल के नेता बनेंगे तो राहुल गांधी प्रदेश अध्यक्ष के मामले में हरियाणा में कांग्रेस की बड़ी नेता और सांसद और सांसद कुमारी शैलजा को विश्वास में जरूर लेंगे। दूसरा यह कि पार्टी अहीरवाल और पिछले वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के लिए यादव नेताओं पर ही दाव खेलती नजर आ रही है।