प्रधान पद के लिए पत्रकार उर्वा दत्त भट्ट ने ठोकी दावेदारी, चुनावी हलचल तेज

प्रधान पद के लिए पत्रकार उर्वा दत्त भट्ट ने ठोकी दावेदारी, बमेटा बंगर खीमा में चुनावी हलचल तेज
जनता से मिल रहा व्यापक समर्थन, गांव के सर्वांगीण विकास का वादा
लालकुआं (रिपोर्टर गौरव गुप्ता):
जैसे ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा हुई, वैसे ही ग्राम पंचायत बमेटा बंगर खीमा में सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। इस बार मुकाबला खास बन गया है, क्योंकि वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता उर्वा दत्त भट्ट ने प्रधान पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
प्रेसवार्ता में रखा विकास का खाका
गांव में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान उर्वा दत्त भट्ट ने अपनी प्राथमिकताएं और कार्ययोजना जनता के सामने रखी। उन्होंने कहा कि यदि जनता का आशीर्वाद मिला तो वे ग्राम पंचायत को एक आदर्श और आत्मनिर्भर पंचायत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं वर्षों से पत्रकारिता और समाज सेवा से जुड़ा रहा हूं, और अब समय आ गया है कि अनुभव को सीधे जनसेवा में उतारा जाए।”
✅ घोषित योजनाएं – विकास का विजन
भट्ट ने बताया कि गांव में मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी:
आधुनिक पुस्तकालय और नया पंचायत भवन
प्रत्येक मोहल्ले में सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था
निशुल्क एंबुलेंस सेवा एवं युवाओं के लिए जिम
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विश्राम स्थल और स्टील कुर्सियां
मुख्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे व स्ट्रीट लाइटिंग
गांव की सड़कों का चौड़ीकरण और मरम्मत
बंदरों व जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु विशेष टीम
गांव के प्रवेश द्वार पर भव्य स्मृति द्वार का निर्माण
🗣️ जनता का समर्थन और नामांकन की तारीख
उर्वा भट्ट ने 5 जुलाई को नामांकन की घोषणा की है और ग्रामीणों से भारी संख्या में साथ आने की अपील की है। उनका कहना है कि यह चुनाव सिर्फ जीतने के लिए नहीं, बल्कि गांव की दशा-दिशा बदलने के लिए है।
ग्रामीणों और उनके समर्थकों का कहना है कि गांव में अब परिवर्तन की लहर है और लोग एक ईमानदार और जागरूक नेतृत्व चाहते हैं। भट्ट को मिल रहा समर्थन इस बात का प्रमाण है कि जनता अब बदलाव के मूड में
✒️ पत्रकार का मतलब समझिए – क्यों जरूरी हैं पत्रकार?
प्रेसवार्ता के दौरान उर्वा दत्त भट्ट ने एक मार्मिक बात कही –
“जब आपके अधिकारों का हनन होता है, जब कोई सरकारी योजना आप तक नहीं पहुंचती, जब कोई दबंग आपको धमकाता है या जब आप समाज की बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाना चाहते हैं – तब आपको सबसे पहले याद आता है एक पत्रकार।”
उन्होंने 12 बिंदुओं में बताया कि पत्रकार सिर्फ खबर देने वाला नहीं, बल्कि आम जनता की आवाज है।
बारिश हो या धूप, दिन हो या रात – एक पत्रकार लगातार समाज के लिए सक्रिय रहता है। उन्होंने कहा,
“हम ये नहीं कहते कि सभी पत्रकार सही हैं, लेकिन सभी को गलत मानना भी गलत है। हमें सिर्फ सम्मान नहीं, समाज का साथ चाहिए।
🗳️ निष्कर्ष: बदलाव की ओर बढ़ता बमेटा बंगर खीमा
बमेटा बंगर खीमा में इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, सोच का होगा।
उर्वा दत्त भट्ट की दावेदारी ने चुनाव को एक नई दिशा दी है – जहां पत्रकारिता, जनसेवा और विकास एक साथ कदमताल कर रहे हैं।