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उत्तराखंड: सरकार की बात नहीं मान रहे नौकरशाह! कार्मिकों ने भरी हुंकार

देहरादून: धामी सरकार के फैसलों पर अधिकारी निर्णय लेने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. ऐसा उन मामलों को देख कर लगता है, जिन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी या तो कैबिनेट की तरफ से निर्णय लिए गए, लेकिन इन पर अबतक शासनादेश नहीं हो पाया है. ऐसे में सरकार के मंत्री भी इन परिस्थितियों में खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.

उत्तराखंड में पिछले कुछ समय में कैबिनेट के फैसलों पर शासनादेश जारी नहीं तहो रहा है. जिससे न केवल संबंधित अधिकारी, कर्मचारी और युवा परेशान हैं. बल्कि मंत्रियों को भी इस मामले में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, कैबिनेट में फैसले होने के बावजूद उन पर शासनादेश नहीं हो पा रहा है.

ऐसे कई मामले हैं, जिन पर शासन स्तर से अड़ंगा डाला जा रहा है और इससे विभागीय मंत्री भी परेशान दिख रहे हैं. अतिथि शिक्षकों के मामले में तो कैबिनेट को दो अलग-अलग बार अपनी मुहर लगानी पड़ी. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में छात्रों की फीस कम करने को लेकर फैसला होने के बावजूद उस पर आदेश नहीं हो पाया है.

इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत कहते हैं कि ऐसे कई मामले आए हैं, जिस पर निर्णय लेने में देरी हो रही है. इस कारण से लोगों को भी दिक्कतें आ रही हैं. इसको लेकर मुख्यमंत्री से भी बातचीत की गई है और कैबिनेट में भी फैसला होने के बाद जल्द उसके आदेश करने के लिए कहा गया है.

इन परिस्थितियों को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर दिख रही है. केदारनाथ विधायक मनोज रावत कहते हैं कि यह सरकार चला चली की है. अब ऐसी स्थिति में नौकरशाह सरकार की बात नहीं मान रहे हैं. सरकार भी इस मामले को लेकर कुछ खास गंभीर नहीं दिखाई देती, जिसका असर सीधे तौर पर आम जनता पर पड़ रहा है.

वहीं कार्मिक महासंघ ने आज हुई बैठक में नौकरशाही के द्वारा कार्मिक हितों पर किए जा रहे वादाखिलाफी तथा सरकार को गुमराह करने पर बहुत रोष व्यक्त किया. बेलगाम नौकरशाही को इस कृत्य के खिलाफ हुंकार भरने और विरोध करने के लिए एकजुट होकर व्यापक आक्रोश व्यक्त किया.

उत्तराखंड कार्मिक शिक्षक अधिकारी महासंघ की बैठक आहूत की गई. जिसमें कार्मिकों की लंबित मांगों को शासन के नौकरशाहों द्वारा सरकार को गुमराह कर जानबूझकर लंबित किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया गया. जहां एक और सरकार को गुमराह कर किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कार्मिकों की जायज मांगों को लंबित किया जा रहा है. महासंघ द्वारा इसका घोर विरोध करने का निर्णय लिया है और ऐसे विकृत मानसिकता के नौकरशाहों को सबक सिखाने के लिए 24 दिसंबर को हुंकार रैली आयोजित करने का निर्णय लिया है.

इस बैठक में अध्यक्ष दीपक जोशी, महामंत्री जगमोहन सिंह नेगी, अशोक चौधरी, राकेश शर्मा, अमित रंजन, डीपी चमोली, राकेश भट्ट, केदार फर्शावान,राजेंद्र राणा , विक्रम रावत,मुकेश बहुगुणा, संदीप राणा, डीएस सरियाल, राजेंद्र चौहान , बी एस पंवार, वीरेंद्र सिंह गुसाईं आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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