एक डॉक्टर के भरोसे 30 बैड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र “महिला चिकित्सक की तैनाती भी नहीं” लोगों को हो रही भारी परेशानी
एक डॉक्टर के भरोसे 30 बैड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र “महिला चिकित्सक की तैनाती भी नहीं” लोगों को हो रही भारी परेशानी।
रिपोर्टर गौरव गुप्ता, लालकुआँ।
लालकुआँ हल्दूचौड़ एक ओर सरकार गांव गांव में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के दावे करती है, वहीं ग्रामीण अंचलों के स्वास्थ्य केंद्र अनेक सुविधाओं में कमी का सामना कर रहे हैं। सरकार की लचर स्वास्थ्य सेवाओं को पोल खोल रहा है नव निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्दूचौड़ जी हां उच्चन्यायलय के निर्देशों के अनुपालन में बेमन से सरकार ने उक्त सीएचसी का लोकार्पण तो कर दिया गया किंतु अब यहां मरीजों को समुचित इलाज मिल पाना मुश्किल हो रहा है। उद्घाटन के बाद से मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहे उक्त अस्पताल में प्रतिदिन आ रहे सैकड़ों मरीजों का जीवन राम भरोसे है । स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के अनेक पद रिक्त पड़े हुए हैं।
जिला प्रशासन भी स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं में ध्यान नहीं दे रहा है। सुविधाओं के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र खुद ही वेंटीलेटर पर है। हालाकि सेंचुरी पेपर मिल के सहयोग से यहां अल्ट्रासाउंड मशीन तो स्थापित की जा चुकी है किंतु रेडियोलाजिष्ट के अभाव में वह धूल खा रही है। शुरुवाती दौर से ही लचर हो चुकी ब्यस्थाओ के चलते मरीजों को बाहर जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। स्थानीय समाजसेवियों द्वारा लंबे समय से स्वास्थ्य केंद्र की बेपटरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की जा रही हैं लेकिन जिम्मेदारों की चुप्पी के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था दिन प्रतिदिन लडखड़़ाते जा रही है।
गौरतलब है कि बरेली रोड से सटी दर्जनों ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हों इस उद्देश्य से उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नीव रखी गई थी किंतु सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता के चलते यहां बने आलीशान भवन में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक के न होने से महिलाओं को इलाज कराने में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं है। नियुक्ति के वावजूद स्वीकृत पद रिक्त पड़े हुए हैं। इस संबंध में आज जब स्वास्थ्य केंद्र में जाकर वस्तुस्थिति की पड़ताल की गई तो हालात बेहद बद्तर थे।
वही हल्दूचौड, मोटाहल्दू ,बेरीपढ़ाव जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से ईलाज के लिए आये मरीजों ने कहा कि इतने बड़े अस्पताल में मात्र एक डाक्टर की तैनाती हैं जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि सुबह 7 बजे से लोग अस्पताल में पहुंचे है लेकिन उनका दोपहर तक नम्बर नही आया हैं उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की संख्या भरमार है परन्तु डाक्टर नहीं है जो बहुत दुभ्राग्य की बात है उन्होंने कहा कि सरकार ने अस्पताल तो बना दिया पर डाक्टरों की नियुक्ति पर कोई ध्यान नही दिया है उन्होंने कहा कि अस्पताल में डाक्टरों की कामी के चलते उन्हें ईलाज के लिए हल्द्वानी बरेली जैसे दूर दराज़ इलाकों में जाकर ईलाज करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द अस्पताल में डाक्टरों की नियुक्ति करने की मांग की है।
इधर काग्रेंस पार्टी के वरिष्ठ नेता हेमवती नन्दन दुर्गापाल ने राज्य सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की धामी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं है उच्चन्यायलय के निर्देशों के वावजूद नियुक्तियां न करना गंभीर मामला है न्यायलय ने पुनः सरकार का जबाबतलब किया है जो सरकार की नाकामी उजागर कर रही है,ओर लोकार्पण के एक साल बाद भी स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल ब्यस्थाएं सरकार की अकर्मण्यता दर्शा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही डाक्टरों की नियुक्ति नही की गई तो कांग्रेस पार्टी उग्र आंदोलन को बाध्य होगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।