ब्रेकिंग: ग्रेड पे मामले में सोशल मीडिया पर दिखा पुलिसकर्मीयों का आक्रोश

Dehradun: उत्तराखंड प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर देहरादून से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां लंबे समय से पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे बढ़ाने के मामलों को लेकर उनके स्वजन लड़ाई लड़ रहे। ऐसे में राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिसकर्मियों के परिवार वाले नाराज व निराश दिखाई दिए।
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दरअसल, उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर अपनी ही घोषणा से मुकरने का अरोप लगाया। ग्रेड पे का जीओ जारी न होने से आक्रोशित स्वजन ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता आयोजित की। इस दौरान पुलिसकर्मियों के स्वजन शकुंतला रावत, आशी भंडारी, नीता रावत, करीना आदि ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर रिजर्व पुलिस लाइन में 2001 बैच के 1500 पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। लेकिन अब इन पुलिसकर्मियों को दो लाख रुपये की धनराशि एकमुश्त देने की बात कही गई है, जिससे सभी स्वजन नाखुश हैं।
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बता दें कि ग्रेड पे की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के स्वजन कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं। 27 दिसंबर को भी स्वजन ने सीएम आवास की तरफ कूच किया था, जिसके बाद पुलिसकर्मियों के परिवार वालों को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद वह 31 दिसंबर तक गांधी पार्क के बाहर धरने पर बैठे रहे। उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि चुनाव आचार संहिता लगने से पहले इस संबंध में शासनादेश जारी हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। नाराज पुलिसकर्मियों ने वीआरएस के लिए किया आवेदन ग्रेड पे की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने के बाद कोई रास्ता न निकलता देख नाराज पुलिसकर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेनी शुरू कर दी है। हल्द्वानी में एक पुलिसकर्मी ने एसएसपी अल्मोड़ा को वीआरएस के लिए आवेदन किया है। वीआरएस को इस्तीफे के तौर पर देखा जा रहा है।
पढ़ें आदेश:-
दो लाख रुपये मुख्यालय में जमा करने का चलाया संदेश
ग्रेड पे का शासनादेश जारी न होने से नाराज पुलिसकर्मियों ने इंटरनेट मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाली है। तमाम वाट्सएप ग्रुपों व इंटरनेट मीडिया में 2001 बैच के पुलिसकर्मियों ने संदेश भेजा कि सरकार की ओर से मिलने वाली दो लाख रुपये की धनराशि वह पुलिस मुख्यालय को वापस करेंगे। और उनकी ओर से दी गई धनराशि से सरकार, शासन में बैठे उच्च अधिकारियों व पुलिस मुख्यालय में बैठे उच्चाधिकारियों के बच्चों में बाट दी जाए।