
देहरादून/हल्द्वानी: अगले साल यानी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल तैयारियो में जुटे हुए हैं। कांग्रेस जीतने के लिए हर पार्टी फार्मूला खोजने में जुटी है। विशेष तौर पर राजनीतिक दल जातीय और धार्मिक गणित साधने में जुटे हुए हैं। राजनीतिक दल सोशल इंजीनियरिंग के जरिए जंग जीतने की तैयारी कर रहे हैं। विशेष तौर पर कांग्रेस सवर्ण, दलित, मुस्लिम और सिख मतदाताओं को जोड़कर जीत का कॉन्बिनेशन देख रही है।
इस फार्मूले से कांग्रेस को ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल जिले की कुछ सीटों में नई आस दिख रही है। जहां यह सोशल इंजीनियरिंग बड़ी कारगर साबित हो सकती है। हरिद्वार में दलित और मुस्लिम मतदाता बाजी पलट सकते हैं, जबकि ऊधम सिंह नगर में पिछड़े, मुस्लिम और सिख मतदाता काफी हद तक कांग्रेस की उम्मीद हैं।
यही वजह है कि कांग्रेस यशपाल आर्य की पार्टी में वापसी के बाद ही उन्हें ज्यादा तरजीह दे रही है। प्रदेश के सबसे बड़े दलित नेता यशपाल आर्य और और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य का कांग्रेस में भव्य स्वागत बता रहा है कि कांग्रेस किस कदर दलित वोटरों को साधने की फिराक में है।
यशपाल आर्य का पहले देहरादून में भव्य स्वागत हुआ फिर हल्द्वानी में, यही नहीं कांग्रेस कैंपेन कमिटी के चेयरमैन हरीश रावत हर जगह अपने साथ पीसीसी चीफ गणेश गोदियाल और यशपाल आर्य को साथ लेकर चल रहे हैं। अब पूर्व सीएम को उम्मीद है कि यशपाल आर्य के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस से दूर हुआ। दलित मतदाता दोबारा पार्टी के करीब आएगा और 2022 के चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित होगी।