उत्तराखंड

ब्रेकिंग : CM धामी ने रच दिया एक इतिहास! UCC…

CM Dhami has created a history! Uttarakhand became the first state to implement UCC

  • CM धामी ने रच दिया एक इतिहास! UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
  • आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
  • विधेयक को विधानसभा में कर दिया गया पारित
  • पुष्कर ने उत्तराखंड की जनता से किया था वायदा

देहरादून। उत्तराखंड के कॉमन सिविल कोड (यूसीसी) को विधानसभा ने पारित कर दिया है। ऐसा करके सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसके सीएम ने यूसीसी की परिकल्पना की और इसे लागू की दिशा में तेजी से काम किया है। अब इसके लागू होने की महज औपचारिकता ही बाकी है।

2022 के विधानसभा चुनाव में मतदान होने के बाद सीएम धामी ने कहा था कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। नतीजा आने के बाद धामी ने फिर से मुख्यमंत्री की शपथ ली और सबसे पहले यूसीसी का एक ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर दी।

 

कमेटी अपना काम करती रही और सीएम धामी लगातार यह दोहराते रहे कि ड्राफ्ट मिलते ही इस लागू किया जाएगा। दो फऱवरी को कमेटी ने 800 पेज का ड्राफ्ट सौंप दिया। इसका परीक्षण करवाकर सीएम धामी ने चार फरवरी को ही इसे कैबिनेट से मंजूर भी करवा लिया। धामी ने इसके लिए विस का एक चार दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया। छह फरवरी को इस बिल को विस के पटल पर पेश कर दिया गया। छह और सात जनवरी को इस पर चर्चा के बाद बिल को पारित कर दिया गया। विपक्षी कांग्रेस के विधायक इस बिल को प्रवर समिति को सौंपने की मांग करते रहे पर सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि अगले एक सप्ताह में बिल को मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। ऐसा होने के बाद इस देवभूमि को तमाम कुरीतियों से निजात मिल जाएगा। इस बिल में महिलाओं को संतानों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं।

 

यूसीसी की अपनी परिकल्पना को साकार करके सीएम धामी ने एक इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां सभी नागरिकों के एक कॉमन सिविल कोड लागू किया जा रहा है। आजादी के बाद संविधान सभा में भी इस पर खासी चर्चा हुई। लेकिन कोई राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा सकी। यह विषय संविधान की समवर्ती सूची में लिहाजा राज्य सरकार भी इस पर कानून बना सकती है। लेकिन कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी की औपचारिकता भी पूरी करनी होगा। केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके पक्षधर हैं। ऐसे में यूसीसी को मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली। माना जा रहा है कि आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें सीएम धामी के नक्शेकदम पर चल सकती हैं।

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