रसूखदार भू-माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण? वन भूमि पर धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग
तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की गौला रेंज में आरक्षित वन भूमि पर हो रहे खरीद फरोख्त के खेल का खुलासा करने वाली स्थानीय निवासी रूपराम ने बताया उनकी पत्नी लक्ष्मी द्वारा वन विभाग बड़े अधिकारियों को लिखित शिकायत करने के बावजूद विभागीय अधिकारी कार्यवाही करने को राजी नहीं है.

Political protection to influential land mafia? Indiscriminate plotting on forest land
लालकुआं से मुकेश कुमार : प्रदेश की धामी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आरक्षित वन भूमि पर खरीद-फरोख्त का खेल जारी है! ताजा मामला लालकुआ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बागजाला का है, जहां तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की गौला रेंज में आरक्षित वन भूमि पर भूमाफिया धड़ल्ले से वनभूमि की खरीद बिक्री कर रहे है।
वही भूमाफिया यहां प्लाटिंग कर धडल्ले से मात्र दस रूपये के स्टांप पर लाखों रूपये लेकर लोगों को जमीन बेच रहे है इससे भूमाफियाओं को लाखों रूपये की काली कमाई हो रही है। साथ ही भूमाफिया प्रति प्लांट 35 से 40 लाख रूपये लेकर बेच रहे है। यह बात नही है की वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नही है लेकिन मोटी सांठगांठ और राजनितिक पकड़ के चलते वन विभाग इस और मूकदर्शक बना हुआ है।
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इधर तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की गौला रेंज में आरक्षित वन भूमि पर हो रहे खरीद फरोख्त के खेल का खुलासा करने वाली स्थानीय निवासी रूपराम ने बताया उनकी पत्नी लक्ष्मी द्वारा वन विभाग बड़े अधिकारियों को लिखित शिकायत करने के बावजूद विभागीय अधिकारी कार्यवाही करने को राजी नहीं है.
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उन्होने वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत अरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं करने से भूमाफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। उन्होने कहा कि वन भूमि की खरीद फरोख्त कर रहे लोग राजनिक दलो से जूड़े हूए है जिसके चलते वन विभाग उनपर कोई कार्यवाही नही कर रहा है।
उन्होने बताया कि भूमाफिया काफी सक्रिय है जो भोलेभाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर सरकारी वन भूमि को मोटे दामों में बेच रहे है । उन्होने कहा कि दो दिन पूर्व वन विभाग की टीम ने वन भूमि पर वन रहे अवैध भवन के काम को रुकवाया था लेकिन भूमाफियों पर कार्यवाही करने के नाम पर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुऐ है जो सोचनिय बिषय है।