Exculusive : 17 दिन बाद चमत्कार! 41 मजदूरों को जिंदगी मिली दोबारा
सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया…
उत्तराखंड: गत 12 नवंबर 2023 से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को आंखिरकार रेस्क्यू टीम ने जी तोड़ मेहनत करने के बाद आज सफलता पूर्वक बाहर निकाल लिया गया है।
इससे पूरे देश में ख़ुशी की लहर उठ पड़ी है। उनके परिवार में तो जैसे आज सच में खुशियों की दिवाली और छट पर्व आ गया हो।
वास्तव में यह भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। सिलक्यारा टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया गया है।
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उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों बाहर निकल आए हैं। ऐसे में चारों ओर खुशी का माहौल है। श्रमिकों के निकलने पर अब वहां माला भी लाई गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के चलते टनल के अंदर ही अस्थाई मेडिकल सुविधा का विस्तार किया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद इस स्थान पर किया जाएगा स्वास्थ्य प्रशिक्षण। कोई भी दिक्कत होने पर स्वास्थ विभाग द्वारा लगाए गए 8 बेड एवं डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम तैनात है।
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श्रमिको के चहरे में खुशी निकलने लगे श्रमिक। 17 दिन बाद 17 मजदूर आये बाहर। सबको एक साथ भेजा जा रहा चिन्यालीसौड। सबको बाहर निकालने का सिलसिला जारी
बौखबाबा के माली अंदर से बाहर आये दिया दिया आशीर्वाद। तालियां बज रही मिठाई बांट रही। विधायक ने कहा सब स्वस्थ एवं ठीक है।
सभी 41 श्रमिक स्वस्थ व सुरक्षित
श्रमिको के चहरे में खुशी निकलने लगे श्रमिक। 17 दिन बाद 41 मजदूर आये बाहर। सबको एक साथ भेजा जा रहा चिन्यालीसौड। सबको बाहर निकालने का सिलसिला जारी
बौखबाबा के माली अंदर से बाहर आये दिया दिया आशीर्वाद। तालियां बज रही मिठाई बांट रही। विधायक ने कहा सब स्वस्थ एवं ठीक है।
मिशन सिलक्यारा हुआ सफल
17वें दिन सुरंग से सकुशल बाहर आए सभी 41 श्रमिक
रेस्क्यू में जुटे थे राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ
पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व एवं सीएम धामी के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता में डबल इंजन सरकार को मिली बड़ी सफलता
देहरादून : मंगलवार को पूरे देश के लिए मंगलमयी खबर सामने आई है। डबल इंजन सरकार के सशक्त नेतृत्व और रेस्क्यू टीमों के अथक परिश्रम से ऑपरेशन सिलक्यारा फतह कर लिया गया है। सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक 17वें दिन सकुशल बाहर आ गए हैं।
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर को भूधंसाव होने से 41 श्रमिक सुरंग में ही फंस गए थे। घटना की सूचना मिलते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। देहरादून से पहुंचे एसडीआरएफ के जवान स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के साथ तत्काल रेस्क्यू में जुट गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके का जायजा लेने पहुंचे। सीएम के दौरे के साथ ही रेस्क्यू अभियान जोर पकड़ गया। राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गईं।
सुरंग में मलबा हटाने के लिए सबसे पहले जेसीबी लगाई गई, लेकिन ऊपर से मलबा गिरने पर सफलता नहीं मिल पाई तो देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर सुरंग में ड्रिलिंग शुरू की गई।ऑगर मशीन जवाब दे गई। फिर दिल्ली से अमेरिकन ऑगर मशीन मौके पर पहुंचाई गई। इसके लिए वायुसेना के हरक्यूलिस विमानों की मदद ली गई। इन विमानों ने मशीन के पुर्जों को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाया और यहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सिलक्यारा पहुंचाया गया।
सुरंग में लगभग 50 मीटर ड्रिलिंग के बाद सरिया सामने आने के कारण इस मशीन में भी खराबी आ गई। फिर हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया। कटर से ऑगर को काटने के बाद 16वें दिन मैनुअल ड्रिलिंग शुरू की गई और आज 17वें दिन जिंदगी का पाइप श्रमिकों तक पहुंचा दिया गया। यही नहीं सरकार तीन अन्य मोर्चों पर भी काम कर रही थी। इसमें वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी 50 मीटर तक पहुंच चुका था।
रेस्क्यू टीमों को सैल्यूट
राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियां, अधिकारी और कर्मचारी आज 17वें दिन तक पूरी तन्मयता और मनोयोग से रेस्क्यू में जुटी रही। मुख्यमंत्री धामी निरंतर स्थलीय निरीक्षण करने साथ ही रेस्क्यू टीमों की हौसला-अफजाई करते रहे। इसी का फल रहा है कि आज यह मिशन सफल हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, आईटीबीपी, एनएचएआईडीसीएल, टीएचडीसी, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, वायुसेना समेत तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही।
‘आस्था’ और ‘विज्ञान’ से अंजाम तक पहुंचा ‘मिशन सिलक्यारा’
सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का रेस्क्यू, विज्ञान और भगवान दोनों की बदौलत सफल हो पाया। कहीं न कहीं इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी देखने को मिला, जिससे एक आस बंधी कि सब कुछ ठीक होगा।
दरअसल, टनल में फंसे श्रमिकों का तो ईश्वर पर अटल विश्वास था ही बचाव अभियान दल ने भी हर रोज देव आराधना के बाद ही रेस्क्यू की शुरुआत की। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ‘इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स भी टनल के मुहाने पर बनाए गए बौखनाग मंदिर में सिर झुकाकर श्रमिकों को सकुशल वापसी के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मांगा।