उत्तराखंड

उत्तरकाशी Tunnel Rescue Update! ग्राउंड जीरो पर ये है तैयारी

उत्तरकाशी से बड़ी खबर NDRF की टीम सुरंग में घुसी

हेलीपैड पर 41 एबुलेंस को तैनात

टनल से मजदूरों का बाहर निकलना शुरू होगा

ऑक्सीजन-बेड, डॉक्टर सब तैयार

आज रात ही बाहर निकाले जा सकते हैं 41 मजदूर

आखिरकार उम्मीदों को कामयाबी मिल रही है। हौसले से लड़ी जा रही ज़िंदगी की जंग जीती जा रही है।उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। जिनका रेस्क्यू का आज 11वां दिन है।वही अब खबर है कि मजदूरो को जल्द ही निकाला जा रहा है। वही मजदूरों के स्वागत और उनका कुशलक्षेम पूछने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार शाम उत्तरकाशी पहुंच गए हैं।फिर जिस समय भी मजदूर बाहर आएंगे सीएम उनके वहीं मिलेंगे।

वही इस सुरंग हादसे के बाद अब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार तैयारी में जुटी है। पीटीआई के अनुसार, एनएचएआई की टीम अब देश भर में सभी 29 निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगी।

साथ ही सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए खाना पैक किया जा रहा है। छह इंच की पाइपलाइन के जरिए मजदूरों तक खाना पहुंचाया जाएगा। बता दें सिलक्यारा सुरंग में ऑगर मशीन से 39 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। और अब कुल 57 से 60 मीटर तक ड्रिलिंग होनी है। अधिकारियों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने की उम्मीद है।

अथक प्रचंड प्रयासों से पहाड़ को चीर कर आखिरकार बाहर आ रही हैं 41 ज़िंदगियाँ , रात बीतने के साथ ही 41 परिवारों का इंतजार खत्म होता दिख रहा है। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में रात में हलचल बढ़ी है। ऐंबुलेंस, ऑक्सीजन और बेड की तैयारी देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि रात में ही 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।

टनल के बाहर दिवाली मनाने की तैयारी

सीएम धामी ने बताया कि, “सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के स्थलीय निरीक्षण हेतु उत्तरकाशी पहुंच रहा हूं.” वहीं अभी से ही हेलीपैड पर 41 एंबुलेंस को तैनात कर दिया है. सभी एबुलेंस पर डॉक्टरों की एक टीम मौजूद है, क्योंकि मजदूरों की संख्या 41 है, इसलिए एंबुलेंस भी 41 ही मंगवाई गई हैं.

सूंत्रो की मानें तो जैसे ही मजदूरों को टनल से रेस्क्यू कर बाहर लाया जाएगा, उसी वक्त  उनका स्वागत किया जाएगा. बता दें कि सभी 41 मजदूर दिवाली के दिन से ही टनल में फंसे थे, जिसके चलते उनकी और उनके परिवार, साथ ही रेस्क्यू में जुटी टीमों की दिवाली नहीं मनी थी, जिसको देखते हुए आज सफल रेस्क्यू होने पर बाहर दिवाली मनाए जाने की संभावना है. वहीं एनडीआरएफ के 10 से 12 जवान रस्सी, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल के अंदर जाते दिखाई दिए हैं. इससे ये साफ है कि जल्द ही रेस्क्यू को सफलतापूर्वक खत्म किया जाएगा और अंदर फंसे मजदूर बाहर आ जाएंगे.

बाहर निकालने के बाद तुरंत ही सभी मजदूरों को सीधे चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा, जिसकी तैयारी की जा रही है। NDRF ने भी बचाव की ब्रीफिंग शुरू कर दी है। टनल में फंसे 41 मजदूरों को एनडीआरएफ के जवान ही टनल से बाहर निकालेंगे। टनल के बाहर प्राथमिक उपचार की भी तैयारी तेज कर दी गई है। टनल के बाहर अस्थायी अस्पताल तैयार है।श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके एम्स ले जाया जा सकता है। उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भी 45 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं। सुरंग स्थल के पास एंबुलेंस भी तैनात किए गए हैं।

राहात कार्यो में जुटे एजेंसियों ने कहा है कि आज रात तक टनल से बड़ी खबर आ सकती है। NDRF की 21 सदस्यीय टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर टनल में गई है। वही टनल के बाहर एंबुलेंस मौजूद हैं। और चिन्याली सौढ़ हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की चहल कदमी शुरू हो गई हैं।

रेस्क्यू के लिए तैनात अफसरों ने संभाला मोर्चा

सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान में राहत बचाव के विभिन्न कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर तैनात अधिकारियों डा० अखिलेश मिश्र, मनीष सिंह और तेजबल सिंह ने कल दिनांक 21 नवंबर को सिलक्यारा पहुंच कर राहत बचाव कार्यों में जुट गए हैं। हमारे सूत्रों ने देर रात 10 बजे सिलक्यारा से यह रिर्पोट दी कि संबन्धित अधिकारी इस समय भी स्थल पर मौजूद रहकर विभिन्न कार्यों के संपादन में लगे हुए हैं। इन्होंने टनल में फंसे मज़दूरों के परिजनों से से मुलाकात कर उनका हालचाल और उनकी जरूरतों के बारे में जाना। सभी परिजनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा दी जा रही व्यवस्थाओं पर खुशी जताई।

यहां बताते चले कि इन तैनात अधिकारियों के बाढ़, दंगा, कोविड जैसी आपदाओं में उनके अच्छे प्रबंधन के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए उनको यहां तैनाती की गई है।

सुरंग में फंसे सभी श्रमिक स्वस्थ और सुरक्षित – डॉ. नीरज खैरवाल

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