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ब्रेकिंग : केंद्र सरकार ने 22 एप पर लगाया प्रतिबंध! फरमान जारी

महादेव समेत 22 एप बेटिंग पर प्रतिबंध! फरमान जारी

  • केंद्र सरकार की कार्रवाई! देश में 22 सट्टेबाजी ऐप पर प्रतिबंध! जारी हुआ फरमान
  • बड़ी खबर: केंद्र सरकार की कार्रवाई देश में 22 सट्टेबाजी ऐप पर प्रतिबंध! जारी हुआ फरमान
  • महादेव एप मामले में भूमिका स्पष्ट करें राहुल
  • ईडी के अनुरोध पर केंद्र ने उठाया कदम
  • केंद्र ने बताया, डेढ़ साल से राज्य सरकार कर रही थी मामले की जांच
  • केंद्र सरकार ने महादेव समेत 22 एप और वेबसाइटों पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विवादों में घिरे महादेव एप समेत 22 अवैध सट्टेबाजी एप और वेबसाइटों पर रविवार को प्रतिबंध लगा दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कार्रवाई ईडी के अनुरोध पर की है। मंत्रालय ने इस सिलसिले में आदेश भी जारी कर दिया है।

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आईटी मंत्रालय ने देश में अवैध सट्टेबाजी पर नकेल कसते हुए 22 अवैध एप और वेबसाइट पर प्रतिबंध का फरमान जारी किया है। प्रतिबंध आदेश के मुताबिक अवैध सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट को ब्लॉक किया जाएगा।

मिली जानकारी के अनुसार आईटी मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी एप और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए हैं।

केंद्र सरकार के बयान के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी।

बता दें कि अवैध सट्टेबाजी के मामले में जिस महादेव एप की चर्चा हो रही है इसके मेन प्रमोटर छत्तीसगढ़ के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं। महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।और लगभग एक साल से इस मामले की जांच ईडी कर रही है।

अगस्त 2022 से ही महादेव एप मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार असीम दास ने पूछताछ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पैसा दिए जाने की बात कही है।

आपको बता दें ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल यूजर को अंधेरे में रखकर होता है। इसका मतलब यह कि यूजर को केवल शुरुआत में ही चंद पैसों का फायदा होता था। बाद में उनके पैसे वापस नहीं मिलता था।

ईडी ने महादेव एप का उदाहरण देकर बताया कि फायदे का 80 फीसदी सट्टेबाजी के सूत्रधार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल खुद रखते थे। सामान्य तौर पर एक पैनल में मालिक और चार कर्मी होते थे।

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