यमुना घाटी में फेरी करने वालो पर लगे पूर्ण रोक

यमुना घाटी के व्यापारी फेरी वालों के खिलाफ लामबंद, कहा-अपने क्षेत्र में नहीं घुसने देंगे
बड़कोट: यमुना घाटी के व्यापारियों ने क्षेत्र में फेरी वालों की बढ़ती संख्या और फेरी की आड़ में नशे के अवैध करोबार पर चिंता व्यक्त की। व्यापारियों ने निर्णय लिया कि सभी व्यापारी फेरी वालों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाने से रोकेंगे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि पुलिस प्रशासन ने जल्द फेरी वालों पर रोक नहीं लगाई तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।
आज बड़कोट में आयोजित यमुना घाटी नगर व्यापार मण्डल की सभी इकाइयों की बैठक में व्यापारियो ने कहा कि फेरी वालो से जहां एक ओर स्थानीय व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, वहीं फेरी व्यवसाय की आड़ में कुछ लोग क्षेत्र में नशे का कारोबार कर स्थानीय युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। यही नहीं इन लोगोें द्वारा महिलाओं से छेड़खानी आदि की घटनाएं भी आए दिन प्रकाश में आ रही हैं।
व्यापार मंडल के महामंत्री धनवीर रावत ने कहा कि व्यापारी वर्ग सरकार को टैक्स, लाइसेंस फीस और बिजली-पानी आदि का भुगतान कर सरकार के राजस्व में वृद्धि करता है, लेकिन फेरी वाले कोई टैक्स नहीं नहीं देते, उल्टा नकली सामान बेचकर क्षेत्र में भोलीभाली जनता को ठग कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई फेरी वाले अपने दो-दो आईडी बनाकर घूम रहे है। आने वाले समय में क्षेत्र की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बैठक में निर्णय लिया गया सभी व्यापारी फेरी वालों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाने से रोकेंगे और यदि पुलिस प्रशासन इन पर रोक नहीं लगाता है तो व्यापारी आंदोलन को मजबूर होंगे।
बैठक में यमुना घाटी व्यापार के सभी नगरों के अध्यक्ष, महामंत्री, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्षों के अलावा बड़कोट व्यापर मण्डल के अध्यक्ष राजा राम जगूड़ी, जगदीश असवाल, जयेंद्र रावत, गोपाल रावत, विजय रावत, राजेश उनियाल, मनोज अग्रवाल सुभाष रावत, मंजीत रावत, विशन रावत अरविन्द, मदन जोशी, मेहताब धनई, अरविन्द रावत सहित कई अन्य व्यापारी मौजूद थे।