उत्तराखंड

देहरादून : बड़ा भूस्खलन! भू धंसाव से ढहेे घर! मकानों में दरारें! आवाजाही प्रतिबंध

देहरादून : बड़ा भूस्खलन! भू धंसाव से ढहेे घर! मकानों में दरारें! 35 परिवारों को कराया शिफ्ट! आवाजाही प्रतिबंध

देहरादून : जोशीमठ, यमकेश्वर के बाद जाखन गांव भी भू धंसाव की चपेट में आ गया। बिन्हार के जाखन गाँव में आपदा ने किया बड़ा प्रहार, भू धंसाव से मकान जमींदोज, गाँव छोड़ सुरक्षित स्थानों पर पहुँचे ग्रामीण।
बताते चलें बुधवार को विकासनगर के बिन्हार क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आई है, जहां जाखन गाँव सहित आसपास का बड़ा इलाका भू धंसाव के कारण तेजी से नीचे की ओर धस रहा है। दोपहर के वक़्त जाखन गाँव में एक-एक कर कुछ मकानों में हलचल हुई जिससे लोग घबरा गये इससे पहले ग्रामीण कुछ समझ पाते एक मकान की दीवार गिर गयी।

दूसरे मकान के पिलर गिर गये और देखते ही देखते कुछ मकान पूरी तरह से जमीदोज हो गये घटना से गाँव में चीख पुकार मच गयी आनन फानन में लोग औरतों बच्चों और अपने पालतू मवेशीयों के साथ अपना सब कुछ पीछे छोड़ कर तुरंत ही सुरक्षित स्थानों की ओर भागे ग्रामीणों ने अपने वाहन बाइक कार इत्यादि भी गाँव में ही छोड़ दिये। देखते ही देखते गाँव के अधिकांश मकान भू धंसाव से क्षतिग्रस्त हो गये गाँव की ज़मीन में बड़ी दरारे देखी जा रही हैं।

इससे पहले गाँव के उपरी हिस्से में भू धंसाव से बड़ा लैंड स्लाइड देखने को मिला था जिसके चलते ग्रामीण पहले से ही सचेत हो गये थे बहरहाल डर के मारे कोई गाँव के नजदीक नहीं जा रहा है। इससे पहले गाँव के उपरी हिस्से में दो दिन पहले लांघा मटोगी मुख्य मोटर मार्ग पर भू धंसाव के कारण दरारें आने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था संभवतः तभी से धीरे-धीरे भू धंसाव ने गाँव को अपनी चपेट में ले लिया। जाखन गाँव मद्रसू ग्राम पंचायत का मजरा बताया जा रहा है जहां लगभग 15 परिवार निवासरत हैं।

मौके पर आसपास के गाँवों के लोग जाखन गाँव के लोगों की मदद करने पहुँचे हैं। ग्रामीणों ने विकासनगर कोतवाली पुलिस को घटना की जानकारी दी है मौके पर राहत बचाव के लिये SDRF और कोतवाली पुलिस विकासनगर की टीम पहुँच चुकी है जिला प्रशासन को भी घटना की जानकारी दी गयी है।

देहरादून से 50 किलोमीटर दूर लांघा रोड पर ग्राम पंचायत मद्रासू के जाखन गांव में भू धंसाव से दस घर ढह गए, और छह मकानों में बड़ी दरारें आ गईं। खतरे को देखते हुए पूरे गांव को खाली करा लिया गया है।

बुधवार की शाम तक 35 परिवारों को लगभग 300 लोगों की आबादी वाले गांव से सभी ग्रामीणों को निकाल लिया गया है। देर शाम तक ग्रामीण घरों से सामान निकालने में जुटे रहे। प्रभावितों को पास के सरकारी स्कूलों में रुकवाया गया। इस भू धंसाव से इलाके में हलचल मची हुई है।

आपदा की खबर फैलते ही आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचने लगे, जिससे लोंगहा-पश्ता मार्ग पर जाम लग गया। एसडीआरएफ और पुलिस की रेस्क्यू टीम मौके पर बचाव कार्य में जुटी हुई है।

“राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गांव में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और ग्रामीणों को गांव के एक प्राइमरी स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

सामान शिफ्ट करते ग्रामीण
विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने तुरंत गांव का दौरा किया और ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। चौहान ने कहा, “अब तक, ग्रामीणों को प्रभावित क्षेत्र से तुरंत स्थानांतरित कर दिया गया है, सरकार उनके पुनर्वास की 100 प्रतिशत गारंटी लेती है”।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से बगल की पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा गिरने से जमीन के जलमग्न होने की शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन के अधिकारियों से की थी।

ग्रामीण रणवीर सिंह और जीवन सिंह ने बताया, ‘बुधवार दोपहर करीब 3:30 बजे अचानक तेज तीव्रता से मलबा गिरने लगा और गांव के नौ घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. भूस्खलन और जमीन के जलमग्न होने की इस दुर्घटना से ग्रामीण दहशत में थे।

सौभाग्य से, पिछले कुछ दिनों से बगल की पहाड़ी से भूमि आपदा के कारण ग्रामीण पहले से ही सतर्क थे, इसलिए जीवन का नुकसान होने से बच गया”, उसी गांव के एक अन्य ग्रामीण बलबीर सिंह ने कहा।

सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट विनोद कुमार और डिप्टी एसपी भास्कर साह पुलिस और एसडीआरएफ कर्मियों के साथ नियमित रूप से गांव में बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

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